चंडीगढ़ में स्पोर्ट्स इंजरी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर तो बना नहीं, 1.4 एकड़ जमीन पर उगी झाड़ियां
वैसे तो चंडीगढ़ को स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के हब के तौर पर जाना जाता है। शहर से कई खिलाड़ी देश और विदेश में चंडीगढ़ का नाम रोशन कर चुके हैं लेकिन अभी भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो खिलाड़ियों के लिए शहर में उपलब्ध नहीं हैं।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। वैसे तो चंडीगढ़ को स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के हब के तौर पर जाना जाता है। शहर से कई खिलाड़ी देश और विदेश में चंडीगढ़ का नाम रोशन कर चुके हैं, लेकिन अभी भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो खिलाड़ियों के लिए शहर में उपलब्ध नहीं हैं। हरियाणा सरकार ने पंचकूला में स्पोर्ट्स इंजरी व रिहैबिलिटेशन सेंटर खोलने की घोषणा कर दी है, वहीं यूटी प्रशासन की तरफ से घोषणा के सालों बाद भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया है। बता दें कि वर्ष 2017 में प्रशासन की तरफ से सेक्टर-32 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) में इसके 1.4 एकड़ जमीन भी तय कर दी गई थी। इस सेंटर को बनाने का ब्लूप्रिंट वर्ष 2018 में तैयार किया गया था। प्लानिंग के तहत इस सेंटर के लिए छह मंजिला इमारत बननी थी, जिसमें सीटी स्कैन, एमआरआइ, एमरजेंसी समेत अन्य तमाम तरह सुविधाएं एक ही इमारत में उपलब्ध होनी थी। इसी इमारत में फिजियोथेरेपी, स्पोर्ट्स साइकॉलोजी और स्विमिंग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होनी थी, ताकि खिलाड़ियों को इंजरी से उभरने के लिए शारीरिक व मानसिक तौर पर मदद मिल सके।
गौरतलब है कि वर्ष 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान वहां स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर बनाया गया था, इसी के साथ दूसरा स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर स्थापित करने की प्लानिंग चंडीगढ़ में थी। इसके लिए लैंड मार्क भी कर दी थी लेकिन अभी तक इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ है।
टोक्यो ओलिंपिक में मेडल जीतने व हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के दौरान हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा था कि हमारे खिलाड़ी ज्यादा समय तक स्पोर्ट्स इंजरी का इलाज करने के लिए विदेश में नहीं रह सकते हैं। इसलिए हम पूरे हरियाणा में चार स्पोर्ट्स इंजरी व रिहैबिलिटेशन सेंटर खोलने जा रहे हैं, इसी कड़ी में पहला सेंटर पंचकूला में खोला जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कि इस स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टर होंगे, इसके अलावा फिजियोथेरेपिस्ट व खेल से जुड़ी तमाम वैज्ञानिक व मशीनी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।