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चार साल से Tejas चली नहीं, शताब्दी की स्पीड बढ़ी नहीं और अब अा रही बुलेट ट्रेन Chandigarh News

अब रेलवे बोर्ड की ओर से बुधवार को हवा में एक और नई घोषणा कर दी गई है कि दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-अमृतसर रूट पर बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 11:01 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 01:53 PM (IST)
चार साल से Tejas चली नहीं, शताब्दी की स्पीड बढ़ी नहीं और अब अा रही बुलेट ट्रेन Chandigarh News
चार साल से Tejas चली नहीं, शताब्दी की स्पीड बढ़ी नहीं और अब अा रही बुलेट ट्रेन Chandigarh News

चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। रेलवे बोर्ड ने बुधवार को देशभर में छह नए रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की। इसमें दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-अमृतसर रूट पर भी बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की गई है। बीते चार सालों में रेलवे ने कई बार चंडीगढ़ से तेजस और सेमी बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की। लेकिन धरातल पर अब तक न तो तेजस और न ही सेमी बुलेट ट्रेन चल सकी।

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इसके अलावा चंडीगढ़ से नई दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की बात हुई थी, लेकिन अब भी तक शताब्दी की स्पीड तक नहीं बढ़ सकी। ऐसे में अब रेलवे बोर्ड की ओर से बुधवार को हवा में एक और नई घोषणा कर दी गई है कि दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-अमृतसर रूट पर बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी।

सेमी बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव इसलिए हुआ था खारिज

वर्ष 2015 में नार्दर्न रेलवे की ओर से चंडीगढ़ से सेमी बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद रेलवे के टेक्निकल एक्सपर्टस और इंजीनियर्स ने चंडीगढ़ से नई दिल्ली के बीच रेलवे ट्रैक की जांच की थी। इसमें यह खुलासा हुआ था कि चंडीगढ़ से अंबाला के बीच करीब 22 मोड़ हैं। जोकि तकनीकी लिहाज से सेमी बुलेट या बुलेट ट्रेन चलाने के लिए सहीं नहीं है। क्योंकि बुलेट ट्रेन की स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उपर होती है।

ऐसे में चंडीगढ़ से अंबाला के बीच इन 22 खतरनाक मोड़ के कारण यह प्रपोजल ड्रोप कर दिया गया था। अब एक बार फिर रेलवे बोर्ड ने हवा में दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-अमृतसर रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने का फैसला किया है। जिसकी स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा से उपर होगी।

2016 में हुई थी तेजस चलाने की घोषणा

वर्ष 2016 में पूर्व रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने चंडीगढ़-दिल्ली रूट पर तेजस शुरू करने का एलान किया था। इसके लिए 2017 में ङ्क्षवटर शेड्यूल में एक नवंबर से तेजस की टाइङ्क्षमग भी आ गई थी। लेकिन यह अभी तक चली नहीं है। क्योंकि चंडीगढ़ से अंबाला के बीच जो रेल ट्रैक हैं, वह तेजस की स्पीड को देखते हुए सक्षम नहीं है।

बुलेट ट्रेन चलने से होगा फायदा 

>चंडीगढ़ से बुलेट ट्रेन चलने से लोगों को फायदा होगा। क्योंकि रोजाना चंडीगढ़ से दिल्ली, लुधियाना और अमृतसर के लिए करीब 20 से 30 हजार यात्री रोजाना सफर करते हैं।

>तकनीकी तौर देखा जाए तो चंडीगढ़ से अंबाला के बीच ज्यादातर मोड़ होने के कारण बुलेट ट्रेन नहीं चलाई जा सकती है। अगर बुलेट ट्रेन चलाना है तो उसके लिए अलग से ट्रैक डेवलप करना होगा और साथ ही इन खतरनाक मोड़ को खत्म करना होगा।

>चंडीगढ़ से नई दिल्ली के बीच दो शताब्दी के अलावा कुल 6 ट्रेन हैं। इसमें तीन से चार घंटे का समय लगता है।

-चंडीगढ़ से अमृतसर के लिए अभी चार ट्रेन चल रही हैं। इसमें 4 से 6 घंटे तक का समय लगता है।

>बाई रोड चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए 4 से 5 घंटे का समय लगता है। जबकि चंडीगढ़ से अमृतसर के लिए भी इतना ही समय लगता है।

>चंडीगढ़ में बुलेट ट्रेन चलाने को अच्छा रिस्पांस मिलेगा। क्योंकि अभी चंडीगढ़ से लोग शताब्दी में भी महंगा सफर कर रहे हैं।

>शहर में करीब ढाई से तीन लाख लोग व्यापारी हैं। ऐसे में उनका दिल्ली, अमृतसर और लुधियाना का अकसर दौरा रहता है। बुलेट ट्रेन चलाने से शहर के एक बड़े वर्ग को लाभ होगा। 

चंडीगढ़ से तेजस चलाने को लेकर काम चल रहा है। बुलेट ट्रेन को लेकर मुझे जानकारी नहीं है। अगर चंडीगढ़ से बुलेट ट्रेन चलती है तो उसके लिए पूरी तरह से अलग हाई स्पीड ट्रैक बनेगा। इसके अलावा ट्रैक के दोनों ओर दीवार खड़ी की जाएगी। फिलहाल चंडीगढ़ से अभी सिर्फ सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने पर ही विचार हो रहा है।-जीएम सिंह, डीआरएम, अंबाला डिविजन

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