बेटों ने मां पर किया दिल दहला देने वाला अत्याचार, पर पुलिस को शिकायत की दरकार
चंडीगढ़ में लालच में अंधे दो बेटों ने मां की जिंदगी में अंधेरा भर दिया। मकान के लालच में उन्होंने मां को एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया। वे उसे न तो खाना देते थे और न कपड़ा।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। लालच ने इंसान को कितना नीचे गिरा दिया है यह यहां सिटी ब्यूटीफुल कहे जाने वाले चंडीगढ़ में देखने को मिला। शहर के के राम दरबार फेज-2 क्षेत्र में लालच में अंधे दो बेटों ने अपनी 70 साल की मां की जिंदगी में अंधेरा भर दिया। बेटों ने उसे एक कमरे में कैद कर लिया। लगभग छह माह तक महिला एक ही कमरे में बंद रही। बेटों के अत्याचार के कारण महिला विक्षिप्त हो गई है। प्रशासन की टीम ने महिला को बेटों की कैद से मुक्त कराया तो उसकी हालत देखकर कर्मियों की अांखें भर आईं। महिला का हाल जिसने भी देखा वह रो पड़ा।
दूसरी ओर, पुलिस कोई शिकायत नहीं मिलने की बात कह रही है। बताया ताे यह भी जा रहा है कि पुलिस ने बुजुर्ग महिला को फिर से उसके बेटों के हवाले कर दिया है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि महिला बयान देने की हालत में नहीं है व उसे कमरे से निकालने वाली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी या कोई और इस बारे में शिकायत देने को तैयार नहीं है।
अंधेरे कमरे में कर दिया बंद, न खाना देेते थे और न कपड़ा, कमरे में ही शौच करने काे थी मजबूर
मकान के लालच में महिला को बेटे न तो खाने को कुछ देते और न ही पहनने को कपड़े। सर्द रातों में ओढ़ने को भी कुछ नहीं दिया। और तो और महिला कमरे में ही शौच और लघुशंका करने को मजबूर हो गई। बेटों के अत्याचारों से महिला की मानसिक स्थिति भी काफी बिगड़ चुकी है। स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी की टीम ने महिला को बेटों के चंगुल से छुड़वाया और अस्पताल में भर्ती करवाया।
पड़ोसियों की शिकायत पर प्रशासन की टीम ने छह माह बाद कराया मुक्त
फिलहाल महिला का इलाज सेक्टर 32 के अस्पताल में चल रहा है। यह परिवार राम दरबार में मकान नंबर 1135 में रहता है। पीड़ित महिला की नाम लीलावती है। उसके दो बेटे हैं और दोनों शादीशुदा हैं और उसी मकान में रहते हैं। हैरत की बात तो यह है कि इस मामले में पुलिस ने अब तक किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है। महिला को घर के अंदर वाले कमरे में बंद किया गया था। उस कमरे में सूरज की किरणों भी नहीं पड़ती थीं।
क्षेत्र में नियमित जांच करने पहुंची स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को किसी ने बताया तो उसने महिला को मुक्त कराया। उस समय उसके तन पर फटे कपड़े थे। उसे जाे बेड सोने के लिए दिया गया था उस पर कोई बिस्तर नहीं था। कमरे में बदबू फैली हुई थी। उसकी हालत देख कर टीम के सदस्य भी दंग रह गए और उनकी आंखें भर आईं।
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बेटे करते हैं प्राइवेट नौकरी
लीलावती के दो बेटे और तीन बेटियां हैं। सबकी शादी हो चुकी है। उनके पति की मौत हो चुकी है। बड़े बेटे का नाम रामकुमार है और वह चंडीगढ़ में ही किसी फैक्टरी में काम करता है। छोटे बेटे का नाम किशन कुमार है और वह इलेक्टिशियन है। पड़ोसियों का कहना है कि मकान महिला के नाम पर है। इसकी कीमत करीब 30 लाख रुपये है। अक्सर महिला के बेटों और बेटियों के बीच मकान को लेकर झगड़ा होता था। बेटे मकान अपने नाम करवाना चाहते थे, जबकि बेटियां भी हिस्सा मांगती थीं।
पुलिस ने नहीं दिखाई गंभीरता
एसएसपी निलांबरी विजय जगदाले ने शहर के हर पुलिस बीट इंचार्ज को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने इलाके के बुजुर्गों से 15 दिन में एक बार व्यक्तिगत तौर पर जरूर मिलें। लेकिन, इस मामले ने पुलिस की इस मुहिम पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने इस मामले में भी गंभीरता नहीं दिखाई और मामला उजागर हाेने के बाद भी तत्काल केस दर्ज नहीं किया।
वृद्धाश्रम भेजा जाएगा
स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के मेंबर सेक्रेटरी महावीर जैन ने कहा कि लीलावती को रिकवर किया गया है। इलाज पूरा होने के बाद जल्द महिला को वृद्धाश्रम भेज दिया जाएगा। एसएसपी नीलांबरी विजय जगदाले ने कहा कि यदि इस प्रकार की कोई लापरवाही हुई है तो उस पर जांच होगी।
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डॉक्टर बोले- जानवरों से भी बुरा बर्ताव किया गया
महिला का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि महिला के साथ जानवरों से भी बुरा बर्ताव किया गया है। इसलिए वह मानसिक तौर पर बहुत परेशान हो चुकी है। वह कुछ भी बताने में असमर्थ है।
पड़ोसियों ने की शिकायत
स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी की वॉलंटियर सुनीता और हरप्रीत कौर की टीम रामदरबार का सर्वे कर रही थी। इस दौरान पड़ोसियों ने उन्हें महिला के बारे में बताया। लोगों की अपील पर टीम ने घर में घुसकर जांच की ताे महिला को बुरी हालत में एक कमरे में बंद पाया गया। इसके बाद टीम ने महिला को वहां से निकाला।