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सोच बदल रहे हरियाली के हीरो

दुनिया के सबसे ग्रीन शहरों में शामिल चंडीगढ़ में भी आबादी और वाहनों की संख्या बढ़ने से प्रदूषण में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। अपने शहर से खास लगाव रखने वाले कुछ ऐसे साधारण लोग भी हैं, जो पर्यावरण के लिए असाधारण काम कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 06:17 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 06:17 PM (IST)
सोच बदल रहे हरियाली के हीरो
सोच बदल रहे हरियाली के हीरो

डॉ.सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

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जिंदगी में अच्छी सोच और काम करने का जज्बा समाज में आम लोगों को भी खास बना सकता है। शहर में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपने काम के कारण खास बन गए। इन्होंने समाज से जुड़े मुद्दों पर काम शुरू किया और फिर लोगों को उससे जोड़कर उसे अभियान का रूप दिया। बदलते लाइफ स्टाइल और बढ़ती जनसंख्या ने पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ दिया है। दुनिया के सबसे ग्रीन शहरों में शामिल चंडीगढ़ में भी आबादी और वाहनों की संख्या बढ़ने से प्रदूषण में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। अपने शहर से खास लगाव रखने वाले कुछ ऐसे साधारण लोग भी हैं, जो पर्यावरण के लिए असाधारण काम कर रहे हैं। दैनिक जागरण भी पौधे लगाएं वृक्ष बचाएं अभियान से इन लोगों को जोड़कर लोगों को जागरूक कर रहा है।

प्रदीप कुमार (त्रिवेणी) ने अकेले लगा डाले सात हजार पौधे

जन्मदिन और शादी पर पौधे लगवा बना रहे खास दिन जन्मदिन और शादी सभी के लिए खास मौका होता है। इस मौके को सेक्टर-35 स्थित गवर्नमेंट मॉडल स्कूल में कार्यरत्त प्रदीप कुमार (त्रिवेणी)और भी यादगार बना देते हैं। प्रदीप करीब दस सालों से लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सीनियर लैब अटेंडेंट प्रदीप का पौधरोपण को लेकर कमाल का जज्बा है। वह सात हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं। वह मूल रुप से भिवानी(हरियाणा) के निवासी हैं। उन्होंने पौधे लगाने की शुरुआत गाव से की थी, लेकिन 2008 में चंडीगढ़ नौकरी लगने के बाद यहा की हरियाली ने इन्हें ऐसा प्रेरित किया कि उसके बाद तो वह पौधरोपण अभियान से पूरी तरह जुड़ गए हैं। वह बताते हैं कि सिर्फ पौधे लगाना ही काफी नहीं, उनकी देखभाल करना भी उतना ही जरूरी है। बरसात के सीजन में 300 से अधिक पौधे लगाते हैं, पर्यावरण के प्रति इनके समर्पण को लेकर इन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

दिल्ली तक के स्कूलों में लगे हैं बलविंदर कौर के हाथों से तैयार पौधे

पहला ग्रीन टीचर अवॉर्ड भी इनके नाम

गवर्नमेंट स्कूल-46 में केमिस्ट्री की लेक्चरर बलविंदर कौर सही मायनों में पर्यावरण से जुड़े लोगों के लिए रोल मॉडल हैं। बच्चों को पढ़ाना और बाकी समय में पौधों के बीच ही इनका अधिकतर समय गुजरता है। स्कूल इको क्लब की इंचार्ज बलविंदर 2002 से पर्यावरण बचाओ अभियान से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक उनके स्कूल के हर्बल गार्डन में तैयार 25 हजार से अधिक पौधे शहर के लोगों को ही नहीं ,दिल्ली तक के स्कूलों में बाटे जा चुके हैं। महिला होने के बावजूद सालों से इनके इस जज्बे में कोई कमी नहीं है। बलविंदर कौर हर साल 3 से 4 हजार पौधे तैयार कर विभिन्न स्कूल,एनजीओ और आम शहरवासियों में बाटती हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान में उनके साथ 10 के करीब टीचर्स और इको क्लब के स्टूडेंट्स भी सहयोग देते हैं। कौर के सराहनीय काम के लिए इन्हें चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग की ओर से पहला ग्रीन टीचर अवॉर्ड मिल चुका है।

चंडीगढ़ पुलिस का सिपाही देवेंद्र सूरा बना हरियाली का ब्राड अंबेसडर

सैलरी का बड़ा हिस्सा पौधे खरीदने व लगाने में लगाते हैं

अच्छी पहल किसी को भी अलग पहचान देता है। चंडीगढ़ पुलिस में तैनात सिपाही देवेंद्र सूरा पौधे लगाने के सही मायनों में ब्राड अंबेसडर बन चुके हैं। सूरा का पौधों को लेकर जज्बा कमाल का है। यूटी सचिवालय में तैनात सूरा को पौधे लगाने का ऐसा जुनून है कि वह सैलरी का बड़ा हिस्सा पौधे खरीदने और लगाने में लगा देते हैं। सूरा अभी तक 50 हजार से अधिक पौधे विभिन्न शहर और गाव में लगा चुके हैं। हरियाणा के सोनीपत निवासी सूरा गाव के युवाओं को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी इस निष्ठा के लिए उन्हें यूटी प्रशासन के अलावा हरियाणा सरकार द्वारा भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है। सूरा बरसात के मौसम में विभाग से छुंट्टी लेकर भी चंडीगढ़ और अपने पैतृक गाव में पौधरोपण के लिए जाते हैं। देवेंद्र के इस अभियान को सोशल मीडिया पर भी जबर्दस्त सराहना मिल रही है। 10 घटे में गवर्नमेंट स्कूल में बना दिया हर्बल गार्डन

अमेरिका व रूस से देखने आए डेलीगेट्स

सेक्टर-11 गवर्नमेंट कॉलेज से बीए करने वाले युवा रोहित कुमार भी शहर में हरियाली बढ़ाने के अभियान में जुटे हैं। 20 वर्षीय रोहित के हरित अभियान से लगातार युवा जुड़ते जा रहे हैं। चंडीगढ़ के गाव और सरकारी स्कूलों को हराभरा बनाना इनके मिशन का हिस्सा है। अभी तक विभिन्न स्कूल और गाव में सैकड़ों की संख्या में पौधे लगा चुके हैं। 2013 में रोहित कुमार ने नेशनल सोशल सर्विस(एनएसएस) ज्वाइन की ओर फिर समाज से जुड़े विभिन्न अभियान से जुड़ते गए। इनके द्वारा गवर्नमेंट मिडल स्कूल के 6 हजार स्क्वैयर मीटर एरिया को रिकार्ड 10 घटे में हर्बल गार्डन में बदल दिया गया। इस पार्क को देखने के लिए अमेरिका और रुस से भी डेलीगेट्स देखने के लिए आए हैं। रोहित और उनकी टीम ने खुड्डा अलीशेर गाव में 250 पौधे लगाए हैं। रोहित को सोशल सर्विस में बेहतर योगदान के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। 26 जनवरी 2017 को राजपथ परेड में इन्होंने एनएसएस टीम का प्रतिनिधित्व किया है।


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