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क्लीयरेंस में फंसा स्मार्ट सिटी का पांच हजार करोड़ का प्रोजेक्ट, जानें क्या है कारण

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-43 में करोड़ों रुपये का डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अधर में दिख रहा है। यहां पांच हजार करोड़ रुपये की बड़ी इन्वेस्टमेंट के बाद सेक्टर की सूरत बदलनी है।

By Sat PaulEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 01:09 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 03:54 PM (IST)
क्लीयरेंस में फंसा स्मार्ट सिटी का पांच हजार करोड़ का प्रोजेक्ट, जानें क्या है कारण
क्लीयरेंस में फंसा स्मार्ट सिटी का पांच हजार करोड़ का प्रोजेक्ट, जानें क्या है कारण

जासं, चंडीगढ़ : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-43 में करोड़ों रुपये का डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अधर में दिख रहा है। यहां पांच हजार करोड़ रुपये की बड़ी इन्वेस्टमेंट के बाद सेक्टर की सूरत बदलनी है। लेकिन, स्मार्ट सिटी में नाम आए तीन साल के बावजूद डेवलपमेंट का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। सबसे अहम बात तो यह है कि जिस 55 एकड़ जमीन पर यह करोड़ों की इन्वेस्टमेंट होनी है वह आज तक चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लि. को ट्रांसफर ही नहीं हो सकी है। यह पूरी जमीन फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की है। पहले यह डेवलपमेंट 71 एकड़ पर होनी थी,। इसके बाद एजिस कंसल्टेंट कंपनी ने इसी आधार पर इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की थी। इसके लिए फ्लोर एरिया रेशो भी बढ़वाया गया।  डीपीआर तैयार होने के बाद जमीन ट्रांसफर का इंतजार है, लेकिन प्रशासन ने अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। अब स्मार्ट सिटी का सबसे अहम प्रोजेक्ट खटाई में पड़ता दिख रहा है। मास्टर प्लान के तहत सेक्टर-43 को सब-सिटी सेंटर बनाया जाना है, लेकिन डेवलपमेंट नहीं हो सकी है। 

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 छह में से पांच हजार करोड़ सेक्टर-43 में होने हैं खर्च  

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी के लिए 90 शहरों में सबसे अधिक 6 हजार 272 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। इनमें से अकेले सेक्टर-43 पर ही 4 हजार 932 करोड़ रुपये खर्च होने थे, लेकिन यह पैसे खर्च तो तब होंगे जब इसके लिए जमीन उपलब्ध हो सकेगी। बाकी का एक हजार करोड़ रुपये अन्य कार्यों पर खर्च होना है। सेक्टर-17, 22, 35 और 43 में भी एरिया बेस्ड डेवलपमेंट होनी है। यह सब पायलट प्रोजेक्ट के तहत होना है। 24 घंटे पानी वॉटर सप्लाई, पॉवर और ट्रांसपोर्टेशन पर 722 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।   

पीपीपी मोड के तहत होगी इन्वेस्टमेंट 

स्मार्ट सिटी के तहत सेक्टर-43 में ही सभी अहम प्रोजेक्ट बनने हैं। इनमें कुछ ऐसे भी हैं तो शहर में पहले होंगे। यह करोड़ों रुपये की इन्वेस्टमेंट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के तहत होगी। सेक्टर-43 में ग्रेड ए ऑफिस स्पेस के लिए 1255 करोड़ एलोकेट किया गया है ।1312 करोड़ रुपये होटल्स के लिए निवेश किए जाएंगे। एग्जीबिशन सेंटर बनाने पर 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शहर का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर भी बनेगा, इस पर 326 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कॉमर्शियल एरिया के साथ ही अफोर्डेबल हाउङ्क्षसग भी बनेंगे। हाउङ्क्षसग पर 320 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रिटेल एरिया के लिए 779 करोड़ रुपये एलोकेट किए गए हैं। 293 करोड़ रुपये आइकोनिक एरिया डेवलप करने पर खर्च होंगे। हॉस्टल सुविधा के लिए 121 करोड़ रुपये का निवेश होगा। वहीं इंटेग्रेटेड ब्रॉडवे और एंटरटेनमेंट संबंधी चीजें बनाने पर 285 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आर्ट गैलरी बनाने पर 75 करोड़ रुपये खर्च होगा।

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