स्मार्ट सिटी : 550 करोड़ का एसटीपी टेंडर सवालों के घेरे में
स्मार्ट सिटी में टेंडर की शर्ते ही प्रोजेक्ट के सिरे चढ़ने के रास्ते में आ रही हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्मार्ट सिटी में टेंडर की शर्ते ही प्रोजेक्ट के सिरे चढ़ने के रास्ते में आ रही हैं। टेंडर्स की शर्तो से ही कई प्रोजेक्ट फेल हो रहे हैं। टेंडर्स की शर्ते ऐसी हैं कि प्रोजेक्ट सिरे ही नहीं चढ़ रहे। अब सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट के 550 करोड़ के टेंडर में टेक्निकल कमेटी ने शर्ते ऐसी बनाई हैं कि जिसका फायदा चुनिंदा कंपनियों को ही मिल रहा है। एलएंडटी तथा वाटेक जैसी कंपनिया इस प्रोजेक्ट की दौड़ में हैं। एसटीपी प्लाट लगाने वाली देश की एक दर्जन कंपनिया दौड़ से ही बाहर हो गई हैं। तीसरी बार करना पड़ा था टेंडर
एसटीपी प्लाट्स के टेंडर की शर्ते टेक्निकल कमेटी ने ऐसी बनाई कि अधिकाश कंपनिया इन्हें पूरी ही नहीं कर पा रही हैं। यही कारण है कि एसटीपी प्लाट्स के 550 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए तीसरी बार टेंडर करना पड़ा है। प्रशासन के सीनियर अफसरों को शिकायतें भी मिल चुकी हैं कि इस प्रोजेक्ट के टेंडर में ऐसी शर्ते इसलिए डाली गई ताकि कुछ चुनिंदा कंपनियों को फेवर किया जा सके। कंपनियां नहीं कर पा रहीं क्वालीफाई
एसटीपी प्रोजेक्ट की शर्ते इस तरह बनाई गई हैं कि देश में सबसे अधिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट लगाने वाली कंपनी भी इसमें क्वालीफाई नहीं कर पा रही। ऐसे में सिर्फ दो-तीन कंपनिया ही इसके लिए बिड करेंगी। सोमवार 14 अक्टूबर को टेंडर के लिए बिड करने का आखिरी दिन है। एलएंडटी और वाटेक दौड़ में
सोमवार को स्मार्ट सिटी ऑफिस में एसटीपी प्रोजेक्ट के लिए कंपनिया बिड करेंगी। इनमें एलएंडटी और वाटेक जैसी कंपनिया शामिल हैं। टेंडर 550 करोड रुपये का है। स्मार्ट सिटी ऑफिस को तीसरी बार टेंडर करने पर भी दो कंपनिया ही मिलेंगी। एसटीपी प्रोजेक्ट का पहली बार टेंडर किया गया था तो केवल एलएंडटी ने इसके लिए आवेदन किया था। दूसरी बार टेंडर किया गया तो एलएंडटी के साथ वाटेक ने बिड की लेकिन फिर टेंडर रद कर दिया गया। अब तीसरी बार सोमवार को बिड होगी। शर्ते रिलेक्स करने की माग
एसटीपी प्रोजेक्ट में डील करने वाली देश की नामी कंपनियों ने प्रशासन से टेंडर की शर्तो को रिलेक्स करने की माग की है ताकि अन्य कंपनिया भी इसके लिए आवेदन कर सकें। लेकिन टेक्निकल कमेटी ने इस माग को ठुकरा दिया। इन कंपनियों में खिलारी इंफ्रास्ट्रक्चर तथा शापूरजी पालोनजी एवं यूनाइटेड फासफोरस की सबसिडरी घारपोरे इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। प्रशासक तक भी पहुंची शिकायत
प्रशासक वीपी सिंह बदनौर तक भी शिकायत पहुंच गई है कि एसटीपी प्रोजेक्ट के टेंडर की शर्ते केवल दो-तीन कंपनियों के लिए ही बनाई गई हैं। ताकि इन कंपनियों को फेवर किया जा सके।