सिटको ने ढाई लाख प्रति माह में स्टॉप एंड स्टेयर्स को किया आउटसोर्स Chandigarh News
जानकारी के अनुसार असमी इंडस्ट्रीज ने इस रेस्टोरेंट को प्रत्येक महीने के लिए दो लाख 52 हजार रुपये मे दिया है। जिसमें जीएसटी व अन्य चार्जेज भी शामिल हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन (सिटको) ने सेक्टर-10 स्थित स्टॉप एंड स्टेयर्स को आउटसोर्स पर दे दिया है। सिटको अपने ज्यादा रेस्टोरेंट व क्लबों को आउटसोर्स करने में लगा हुआ है। स्टॉप एंड स्टेयर्स को आउटसोर्स पर लेने के लिए इस बार तीन कंपनियों की तरफ से बिड आई थी। जिसमें ज्यादा बिड लगानी वाली कंपनी को रेस्टोरेंट को आउटसोर्स पर अलॉट किया गया।
सिटको से मिली जानकारी के अनुसार असमी इंडस्ट्रीज ने इस रेस्टोरेंट को प्रत्येक महीने के लिए दो लाख 52 हजार रुपये मे दिया है। जिसमें जीएसटी व अन्य चार्जेज भी शामिल हैं। इससे पहले सिटको ने इसी फर्म को सेक्टर-34 का रेस्टोरेंट ड्रॉप इन भी रेंट पर अलॉट किया है। ड्रॉप इन को 4.21 लाख रुपये प्रति महीना के हिसाब से इस फर्म को अलॉट किया गया था। अब इस रेस्टोरेंट को लीज आउट किया गया।
तीनों होटलों को प्राइवेट करने की तैयारी
बता दें कि सिटको के तीनों होटलों को प्राइवेट करने की भी तैयारी चल रही है। प्रशासन ने इसको लेकर अपनी पहल कर दी है। सिटको के तीनों होटल प्राइवेट कंपनी ही चलाएगी। इन तीन होटलों में सिटको का इकलौता फाइव स्टार होटल माउंट व्यू सेक्टर-10, सेक्टर-17 शिवालिक व्यू और सेक्टर-24 का होटल पार्क व्यू शामिल है। प्रशासन ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर इन तीनों होटलों को प्राइवेट करने की इच्छा जताई है।
पहले केंद्र सरकार ने ही मांगी थी जानकारी
बताया जा रहा है कि प्रशासन ने यह लेटर केंद्र सरकार की चिट्ठी के बाद ही लिखा है। केंद्र सरकार ने प्रशासन से पूछा था कि ऐसे कौन से डिपार्टमेंट हैं जिनका प्राइवेटाइजेशन कर परफार्मेस बेहतर की जा सकती है। इसके बाद ही प्रशासन सिटको के होटलों को प्राइवेट हाथों में सौंपने जा रहा है। इससे पहले केवल होटल शिवालिक व्यू को ही प्राइवेट करने की तैयारी थी। सिटको बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में यह फैसला ले लिया गया था। इसके लिए जल्द ही प्राइवेट कंपनियों को इनवाइट करने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है। लेकिन अब शिवालिक व्यू के साथ तीनों ही होटलों को प्राइवेट करने की तैयारी है।
प्राइवेट करने के यह दो तरीके
प्रशासन होटलों को प्राइवेट करने के लिए दो तरीकों पर विचार कर रहा है। एक तो होटल की पूरी प्रॉपर्टी को ही लीज आउट कर दिया जाए। इसमें पूरा होटल और स्टाफ प्रावइेट कंपनी ही संभालेगी। दूसरा तरीका मैनेजमेंट को आउटसोर्स करने का है।
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