सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने से फिलहाल छूट नहीं
सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने में प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई छूट नहीं दी जा रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने में प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई छूट नहीं दी जा रही है। महिलाओं को हेलमेट पहनने को लेकर जारी की गई एडवाइजरी को लेकर प्रशासन और एमएचए के अधिकारियों के बीच मंगलवार को बैठक होगी। इस बैठक में प्रशासन की ओर से अपना पक्ष रखा जाएगा कि आखिरकार क्यों सिख महिलाओं को हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
इसके लिए प्रशासन की ओर से ट्रासपोर्ट डायरेक्टर को मीटिंग के लिए नई दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय को एक टीम भेजी गई है। एमएचए ने जो एडवाइजरी जारी की है, उसके मुताबिक महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे केस और अन्य तकनीकी खामियों को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी। ट्रासपोर्ट सेक्रेटरी डॉ. अजय सिंगला ने बताया कि मंत्रलय से एडवाइजरी मिलने के बाद सिख महिलाओं को हेलमेट में छूट दिए जाने वाले सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया है।
प्रशासन ने अपने कई प्रमुख कानूनी सलाहकारों से भी राय ली है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई निर्णय नहीं निकल सका है। जिसके चलते ट्रासपोर्ट डायरेक्टर को फाइल के साथ नई दिल्ली स्थित गृह मंत्रलय भेजा गया है। जहा पर प्रशासन की ओर से डायरेक्टर हेलमेट की अनिवार्यता को खत्म करने में आ रही तकनीकी समस्याओं से मंत्रालय को अवगत कराएंगे।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दिखाया था सख्त रुख
फिलहाल प्रशासन सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने में छूट दिए जाने को लेकर कोई निर्णायक फैसला नहीं ले पाया है। क्योंकि हाल ही में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने महिलाओं को हेलमेट पहनने में छूट दिए जाने को लेकर दायर याचिका पर सख्त रूख अख्तियार किया था। इसके चलते प्रशासन जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहता। अभी मामले में लग सकता है समय
गृह मंत्रलय से टीम वापस आने के बाद ही यूटी प्रशासन कोई निर्णय लेने में सक्षम होगा। बताया जाता है कि इस पूरे मामले में दो से तीन महीने का समय अभी लग सकता है। उधर, ट्रैफिक मार्शल ने सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने में छूट दिए जाने के मामले में विरोध जताया है। मार्शलों ने एडवाइजर के सामने जताया ंरोष
सोमवार को यूटी सचिवालय पहुंचकर मार्शलों ने एडवाइजर को एक पत्र सौंपकर हेलमेट में छूट दिए जाने के मामले में नाराजगी जताई। सभी का कहना है कि दुर्घटना तो किसी के भी साथ हो सकती है। ऐसे में किसी को हेलमेट पहनने में छूट दिए जाने का प्रस्ताव सही नहीं है।