अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने की पॉलिसी पास, कैबिनेट में भिड़े सिद्धू व बाजवा
सबहेड.. -स्थानीय निकाय मंत्री के विरोध के बावजूद नीति को मंजूरी, कैप्टन को पत्र लिख क
सबहेड..
-स्थानीय निकाय मंत्री के विरोध के बावजूद नीति को मंजूरी, कैप्टन को पत्र लिख कहा- स्लम बन जाएगा पंजाब
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क्रॉसर
-कैप्टन ने किया बीच-बचाव, कहा- मामला मुझ पर छोड़ दें
-बाद में प्रेस नोट जारी कर दी पॉलिसी पास करने की सूचना
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इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़: स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और शहरी विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के बीच अवैध कॉलोनियों के मुद्दे पर चल रहा टकराव सोमवार को कैबिनेट बैठक तक पहुंच गया। सिद्धू अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने के लिए हामी भर रहे बाजवा व अन्य मंत्रियों से भिड़ गए। दोनों में जमकर बहस हुई। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बीच-बचाव करना पड़ा। कैप्टन ने कहा कि अगर उन्हें विश्वास है, तो वह यह मामला मुझ पर छोड़ दें। मैं इस पर फैसला कर दूंगा। इसके बाद बहस इस आशय से समाप्त हो गई कि मामला स्थगित हो गया है, लेकिन मीटिंग खत्म होने के डेढ़ घंटे बाद जारी प्रेस नोट में पॉलिसी को पास करने की सूचना दी गई।
इस पर सिद्धू ने कहा, 'मैंने यह मामला मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ा था, अब अगर उन्होंने फैसला कर दिया है, तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं।' सिद्धू ने पॉलिसी को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा है कि 2013 में पास हुई पॉलिसी में केवल बनी हुई इमारतों वाली कॉलोनियों को रेगुलर करने की बात थी, लेकिन वर्तमान पॉलिसी में खेतों को भी रेगुलर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड में यह जमीन 'मुश्तरका मालिकान' में है, लेकिन कॉलोनाइजर इसे कॉलोनी बता रहे हैं। इको सिटी में ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) 2.38 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन ले रहा है, जबकि अवैध कॉलोनियों से मात्र 10 लाख रुपये लेने का प्रावधान है। इससे तो मात्र 700 करोड़ रुपये ही मिलेंगे, जबकि स्थानीय निकायों पर एक लाख करोड़ रुपये तक का बोझ पड़ेगा। दूसरा, खुद सरकार पूरे प्रदेश को बड़े स्लम के रूप में मान्यता दे देगी।
सिद्धू ने अपत्ति जताई कि जिन खेतों को अवैध कॉलोनियां बताया जा रहा है, उनसे न तो सीएलयू लिया गया है और न ही यहां बिक रहे प्लॉटों की रजिस्ट्रियां हो रही हैं। लोग बिना रजिस्ट्री करवाए प्लॉट को बेच रहे हैं।
सात बार आ चुकी है पॉलिसी
सिद्धू ने कहा कि 2005 से लेकर अब तक 7 बार पॉलिसी लाई जा चुकी है। इसके बावजूद सरकार के पास अवैध कॉलोनियों का कोई आंकड़ा नहीं है। गौरतलब है कि सिद्धू इस मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के विधायकों से भिड़ चुके हैं। आज मिल सकते हैं राहुल गांधी से
सिद्धू मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने जा रहे हैं। हालांकि, यह तय नहीं है कि उनकी मीटिंग का एजेंडा क्या है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे अवैध कॉलोनियों का मसला भी उठाएंगे। नई पॉलिसी में 19 मार्च से पहले बनी सभी अवैध कॉलोनियां रेगुलर
-सरकार ने 19 मार्च, 2018 से पहले बनाई गई सभी अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने की पॉलिसी पास कर दी है।
-कोई भी डेवलपर, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन व को-ऑपरेटिव सोसायटी कॉलोनी रेगुलर करवाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
-अगर कहीं, केवल प्लॉट ही हैं, तो भी उसका मालिक सीधे तौर पर इसे पास करवा सकता है।
-राजधानी के आसपास के क्षेत्र को इससे दूर रखा गया है। जिन कॉलोनियों में अपार्टमेंट्स बनाए गए हैं, उन पर भी यह लागू नहीं होगी।
-डेवलपर्स को अप्लाई करने के लिए चार माह का समय दिया है। अगर इस अवधि में कॉलोनी को रेगुलर नहीं करवाया, तो दोषी से 20 फीसद पीनल इंटरेस्ट के साथ जुर्माना वसूला जाएगा।
-अगर कॉलोनियों के खिलाफ सिविल व क्रिमिनल प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, तो 25 फीसद चाजर्ेंस लेकर इसे निलंबित किया जाएगा।
-रेगुलर करवाने के लिए जितनी भी राशि जमा होगी, वह कॉलोनियों की मूलभूत सुविधाओं पर खर्च होगी।