किसान आंदोलन का साइड इफेक्ट, तीन दिन में पंजाब में गहरा सकता है बिजली संकट
पंजाब में किसानों आंदोलन के कारण तीन दिन में गंभीर बिजली संकट पैदा हो सकता है। किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण पावर प्लांटों तक कोयला नहीं पहुंच पा रहा है और उनका कोयले का स्टाक समाप्त होने वाला है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में किसानों के आंदोलन के कारण अगले दो से तीन दिन में बिजली संकट गहराने की नौबत आ सकती है। इसकी बड़ी वजह है कि राज्य के निजी और सरकारी थर्मल प्लांटों के पास केवल दो से तीन दिन का कोयला ही शेष बचा है। किसानों के नए कृषि कानूनों के विरोध में रेल रोको आंदोलन के कारण रेल सेवाएं बंद है और पंजाब में अन्य वस्तुओं के साथ - साथ कोयले की सप्लाई भी नहीं हो रही है।
गोइंदवाल साहिब और तलवंडी साबो थर्मल प्लांटों के एक एक बिजली उत्पादन यूनिट किए गए बंद
कोयले की कमी के कारण श्री गोइंदवाल साहिब के जीवीके थर्मल प्लांट और तलवंडी साबो थर्मल प्लांट ने अपनी एक-एक यूनिट बंद कर दी है। राज्य के तीनों निजी थर्मल प्लांटों के पास अब दो दिन का कोयला शेष बचा है। पावरकॉम के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पावरकॉम के अपने दोनों थर्मल प्लांटों के पास भी मात्र तीन - तीन दिन का ही कोयला बचा है। गनीमत यह है कि धान का सीजन खत्म होने के चलते पंजाब में बिजली की मांग भी काफी कम हो गई लेकिन गेहूं की बिजाई के दौरान बिजली की जरूरत पड़ेगी। अगर रेल सेवाएं बंद रहीं तो पंजाब में बिजली संकट गहरा सकता है।
अनाज भी फंसा गोदामों में
किसान आंदोलन के कारण रेल सेवाएं बंद होने का असर अनाज की सप्लाई पर भी पड़ा है। पंजाब के गोदामों में इस समय 142.75 लाख टन अनाज पड़ा है और अक्टूबर व नवंबर महीने में 175 लाख टन धान की खरीद होने का अनुमान है। यानी मि¨लग के बाद 117 लाख टन चावल को हर हाल में कवर्ड गोदामों में रखना होगा।
सितंबर में चलीं 891 स्पेशल गाडि़यां, अक्टूबर में एक भी नहीं
कोरोना महामारी फैलने के बाद पूरे देश में अनाज की मांग बढ़ गई। जिसे पूरा करने के लिए हर महीने औसतन 27 लाख टन अनाज की सप्लाई दूसरे राज्यों को की गई। अगस्त में सबसे ज्यादा 29 लाख टन अनाज भेजा गया। सितंबर महीने में भी 891 स्पेशल रेलगाडि़यां दूसरे राज्यों को गईं, परंतु अक्टूबर महीने में एक भी स्पेशल गाड़ी नहीं चली। पंजाब में 24 सितंबर से रेल सेवाएं किसानों के आंदोलन के कारण बंद हैं। राज्य में डीएपी खाद और यूरिया की मांग भी नवंबर महीने में शुरू होने वाली है। आलू व गेहूं की बिजाई के दौरान हर साल पंजाब को करीब पांच लाख टन यूरिया की जरूरत पड़ती है।
15 अक्टूबर की बैठक में लेंगे फैसला
भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बूटा सिंह बुर्ज गिल ने कहा कि अभी न तो बिजली की जरूरत है और न ही यूरिया की। सरकार हमें गुमराह न करे। हम जानते हैं कि अक्टूबर में धान की कटाई होनी है और नवंबर में गेहूं की बिजाई शुरू होनी है। इसे देखते हुए 15 अक्टूबर को सभी 30 किसान संगठनों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें अगली रणनीति तय की जाएगी। संभव है कि रेल रोको आंदोलन के दौरान मालगाडि़यों को आने-जाने से न रोके जाने पर फैसला ले लिया जाए।
किसान आज दो घंटे के लिए करेंगे चक्का जाम
मंगलवार को हरियाणा पुलिस की ओर से किसानों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में पंजाब के किसान आज दो घंटे के लिए पंजाब के विभिन्न नेशनल व स्टेट हाईवे पर चक्का जाम करेंगे। किसान नेता बूटा सिंह बुर्ज गिल के अनुसार सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक चक्का जाम किया जाएगा। इस दौरान अन्य किसानों के अलावा रेल ट्रैक पर पक्का मोर्चा लगाने वाले किसान दो घंटे के लिए रेल ट्रैक से उठकर नजदीकी नेशनल या स्टेट हाईवे पर चक्का जाम करने के लिए पहुंचेंगे।
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