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चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी, स्टूडेंट्स को नहीं मिल रही एडमिशन, टीचर्स के 1228 पद खाली

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के लिए नए सत्र में छात्रों को दाखिला देना चुनौती साबित हो रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह शहर के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। मौजूदा समय में शिक्षा विभाग में टीचर्स के कुल 1228 पद खाली पड़े हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 01:54 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 01:54 PM (IST)
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी, स्टूडेंट्स को नहीं मिल रही एडमिशन, टीचर्स के 1228 पद खाली
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का टोटा, स्टूडेंट्स को नहीं मिल रही एडमिशन।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस से परेशान अभिभावकों ने बच्चों को सरकारी स्कूलों पढ़ाने का मन बना लिया है। अब तक शहर के 115 सरकारी स्कूलों में छह हजार के करीब स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए आ चुके हैं, लेकिन हैरत की बात है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते स्कूल एडमिशन देने से कतरा रहे हैं।

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एक तरफ स्कूलों में टीचर्स की कमी है वहीं दूसरी तरफ राइट टू एजुकेशन एक्ट भी एडमिशन के लिए परेशानी बन रहा है। एडमिशन के लिए आने वाले स्टूडेंट्स पहली से दसवीं कक्षा के हैं। शहर के सरकारी स्कूलों में एडमिशन पाने स्टूडेंट्स में चंडीगढ़ के अलावा मोहाली और पंचकूला से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी आ रहे है। शहर के कई स्कूलों ने स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देखकर सेक्शन बढ़ाने के बजाय कम करने की तैयारी कर ली है, जिससे अभिभावक भी परेशान हो रहे हैं।

सेक्टर-16, 35 सहित सेक्टर के स्कूलों की ज्यादा डिमांड

प्राइवेट स्कूलों से जो स्टूडेंट्स सरकारी स्कूलों में आ रहे है उनकी पहली पसंद, गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-16, सेक्टर-35, सेक्टर-21, सेक्टर-17, सेक्टर-22 सहित गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-18 है। जहां पर विभिन्न कक्षाओं के लिए पांच सौ से एक हजार के करीब आवेदन आ चुके हैं।

शिक्षा विभाग के पास शिक्षकों के 1228 पद खाली

सरकारी स्कूलों में वर्तमान में शिक्षकों 1228 पद खाली है। जिसके चलते एडमिशन के बाद स्टूडेंट्स को सेक्शन में बांटना और उन्हें पढ़ाई करवाना स्कूलों के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है। स्कूल प्रिसिंपल के अनुसार जब तक टीचर्स थे हम एडमिशन में कोई परेशानी नहीं है लेकिन यदि एक क्लास में 30 से 35 स्टूडेंट्स बढ़ रहे है तो वह बड़ी परेशानी हो रहा है। एडमिशन होने के बाद उन्हें पढ़ाने का प्रबंध करना बड़ी मुश्किल है। शिक्षकों की रिटायरमेंट के बाद विभाग द्वारा नई भर्ती नहीं की गई है।

यह है राइट टू एजुकेशन एक्ट

राइट टू एजुकेशन एक्ट के अनुसार पहली से पांचवी क्लास के स्टूडेंट्स को एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूल में एडमिशन मिलेगा। यदि स्कूल में सीट्स खाली रह जाती हैं तो तीन किलोमीटर के स्टूडेंट्स को एडमिशन देना होगा। इसी प्रकार से छठी से आठवीं कक्षा में तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा यदि सीट बचती है तो पांच किलोमीटर के स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। इसी प्रकार से नौवीं कक्षा में एडमिशन देने के लिए टेस्ट लिया जाता है। टेस्ट के आधार पर स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलता है।


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