मोहाली निगम की एफएंडसीसी कमेटी को झटका, निकाय विभाग का निर्देश- सीधे तौर पर कोई काम नहीं करवा सकती कमेटी
बीते दिनों पंजाब के सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की ओर से सर्वसम्मति से एक करोड़ तक के खर्चे की पावर नगर निगम की एफएंडसीसी कमेटी को दे दी गई थी। इसके बाद विपक्ष ने कहा था कि इस फैसले से हाउस की ताकत कम होगी।
रोहित कुमार, मोहाली। स्थानीय निकाय विभाग ने मोहाली नगर निगम की एफएंडसीसी कमेटी को झटका दिया है। निकाय विभाग ने निर्देश दिए हैं कि उक्त कमेटी सीधे तौर पर कोई काम नहीं करवा सकती। इस कमेटी के चेयरमैन सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के भाई मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू हैं। विभाग के इस फैसले को विपक्ष जहां सच की जीत बता रहा है। वहीं सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और मेयर अमरजीत सिंह जीती के लिए झटका बताया।
बीते दिनों सूबे के सेहत मंत्री की ओर से सर्वसम्मति से एक करोड़ तक के खर्चे की पावर कमेटी को दे दी गई थी। इसके बाद विपक्ष ने कहा था कि इस फैसले से हाउस की ताकत कम होगी। कमेटी में विपक्ष के दो सदस्यों को कमेटी में लेने की भी मांग की गई थी। इसको लेकर निगम कमिश्नर को भी विपक्ष ने अवगत करवाया था। लेकिन विभाग की ओर से अब एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि अब जनरल हाउस की बैठक में ही विचार के बाद कोई काम एफएंडसीसी कमेटी को सौंपा जाएगा। विभाग की ओर से ये पत्र 28 जून 2021 को जारी किया गया है। जोकि पंजाब की समूह नगर निगमों के लिए है। मजे की बात ये है कि इससे पहले 2013 में भी एक ऐसा ही पत्र विभाग की ओर से जारी किया गया था।
विभाग की ओर से जारी पत्र में ये आदेश
विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कमेटी कई बार ऐसे प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेज देती है जिन पर हाउस में चर्चा होना जरूरी होता है। जनरल हाउस में एक लाइन में प्रस्ताव बना कमेटी की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को हाउस में मंजूर करवा लेती है, जिससे काम में पारदर्शिता नहीं आती। जोकि पंजाब नगर निगम एक्ट 1976 का उल्लंघन है। इसलिए जरूरी है प्रस्तावों पर हाउस में चर्चा हो। उधर सुखदेव सिंह पटवारी ने कहा कि इससे काम में पारदर्शिता आएगी।
तो दस लाख के काम भी नहीं करवा पाएंगे पार्षद
मोहाली नगर निगम बनने के बाद दस लाख तक के काम पार्षदों की ओर से अपने स्तर पर करवाने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। लेकिन अब इस पत्र के बाद पार्षद वे काम भी नहीं करवा पाएंगे। ये भी पार्षदों के लिए एक लॉलीपाप ही था। हर काम हाउस मीटिंग में पास होने के बाद ही शुरू होगा।