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पंजाब भाजपा ने कहा- एनडीए में रहना या बाहर फैसला शिरोमणि अकाली दल को लेना है

हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय कैबिेनेट से इस्‍तीफे और कृषि विधेयकों पर घमासान के बीच भाजपा ने कहा है कि एनडीए मे रहने के बारे में शिअद को फैसला करना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 07:43 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 07:46 PM (IST)
पंजाब भाजपा ने कहा- एनडीए में रहना या बाहर फैसला शिरोमणि अकाली दल को लेना है
पंजाब भाजपा ने कहा- एनडीए में रहना या बाहर फैसला शिरोमणि अकाली दल को लेना है

चंडीगढ़, जेएनएन। कृषि विधेयक को लेकर पंजाब में मचे घमासान और हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा के बाद बदले राजनीतिक हालातों को लेकर पंजाब भाजपा भी चौकन्नी हो गई है। अकाली दल की तरह भाजपा भी दोहरे मोर्चे पर घिरी हुई है। किसान संगठन भाजपा का भी विरोध कर रहे है। दूसरी तरफ शिअद- भाजपा का 22 साल पुराना गठबंधन भी खतरे में पड़ गया है। पंजाब भाजपा ने कहा कि शिअद को एनडीए में रहने या नहीं रहने के बारे में फैसला करना है। बदले हुए हालातों को देखते हुए भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कोर कमेटी की बैठक की। इसमें तय हुआ कि भाजपा सड़कों पर उतर कर किसानों को जागरूक करने का काम करेगी।

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भाजपा कोर कमेटी में हुई राजनीतिक हालातों पर चर्चा 

कोर कमेटी बैठक में कहा गया कि शिरोमणि अकाली दल ने राजनीतिक मजबूरीवश कृषि विधेयक का विरोध किया। केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद एनडीए का हिस्सा रहने या नहीं रहने का फैसला भी अकाली दल का ही होगा। अश्वनी शर्मा का कहना है, अकाली दल अभी एनडीए का हिस्सा है। कल क्या होगा, इसके बारे में मैं कुछ हीं कर सकता। अश्वनी शर्मा ने कहा, कृषि विधेयक किसानों के हित में है। कांग्रेस पार्टी ने किसानों को गुमराह किया है। किसानों को जल्द ही पता चल जाएगा कि कृषि विधेयक से उन्हें कितना लाभ होगा।

कृषि विधेयक किसानों में हित में थोड़े ही दिनों में पता चल जाएगाः अश्वनी शर्मा

भाजपा प्रदेश प्रधान अश्‍वनी शर्मा कहते है, किसानों को आशंका थी कि एमएसपी पर फसलों पर खरीद नहीं होगी। कृषि मंत्री के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट कर दिया कि एमएसपी पर फसलों की खऱीद जारी रहेगी। नए कानून में तो किसानों की जमीन को भी सुरक्षा दी गई है। अब किसान के फसल का कांट्रेक्ट होगा। किसान की जमीन का नहीं। वहीं, किसानों को यह अधिकार होगा कि उन्हें जहां पर अपनी फसल की अच्छी मूल्य मिले वह वहां पर बेच सकते है।

कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला हुआ कि भाजपा सड़कों पर उतर कर किसानों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करेगी। अश्वनी शर्मा ने कहा, किसान को गुमराह किया जा रहा है। हकीकत यह है कि यह ही स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि किसानों की आशंका क्या है। जहां तक एमएसपी की बात थी तो केंद्रीय कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया। सरकारी मंडी खत्म नहीं होगी।

वहीं, भाजपा और अकाली दल का गठबंधन रहेगा या नहीं, के संबंध में अश्वनी शर्मा ने कहा ‘आज की तरीख में अकाली दल एनडीए का हिस्सा है। एनडीए का हिस्सा होने के कारण पंजाब में भी दोनों का गठबंधन है। कल क्या होगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।’ वहीं, भाजपा दो दिन बाद पुनः कोर कमेटी की बैठक करेगी। माना जा रहा है कि तब तक अकाली दर की तरफ से तस्वीर भी स्पष्ट हो जाएगी।

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