घग्गर में सीवरेज का पानी रोकने की रिपोर्ट 31 तक दें
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : घग्गर नदी में गिरने वाले नालों और सीवरेज रोकने पर 31 अक्टूबर तक
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : घग्गर नदी में गिरने वाले नालों और सीवरेज रोकने पर 31 अक्टूबर तक हर हालत में एक्शन प्लान देना होगा। ऐसा नहीं किया तो चंडीगढ़ ही नहीं, पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों पर भी गाज गिरना तय है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों पर गठित एग्जीक्यूटिंग कमेटी के चेयरमैन रि. जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचकर अधिकारियों से इस मामले में जवाब तलब किया। उन्होंने घग्गर नदी में गिरने वाले सीवरेज को किसी भी सूरत में रोकने के आदेश दिए हैं। इस पर 31 अक्टूबर तक एक्शन प्लान मांगा है। जबकि एग्जीक्यूटिंग कमेटी को तीन महीनों के अंदर रिपोर्ट एनजीटी को सौंपनी है। मीटिंग में यूटी प्रशासन के सभी सीनियर अफसर मौजूद रहे। अधिकारियों ने मामले में अपने प्रयासों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि वह सुखना लेक के पास किशनगढ़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाने जा रहे हैं। एनजीटी ने पंजाब, हरियाणा और हिमाचल को भी दे रखे हैं आदेश
एनजीटी ने घग्गर नदी को सीवरेज से मुक्त करने के आदेश पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के साथ ही यूटी चंडीगढ़ के अधिकारियों को पिछले महीने दिए थे। जिसके बाद यूटी चंडीगढ़ ने एक कमेटी का गठन किया था। जिसके बाद चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और नगर निगम के अधिकारियों ने कमेटी के साथ मिलकर सुखना चौ की इंस्पेक्शन की थी। इंस्पेक्शन में टीम को 9 जगह ऐसी मिली थी जहा से सीवरेज सुखना चौ में गिर रहा है। वही चौ आगे जाकर घग्गर में गिर रहा है। एनजीटी ने ऐसी सभी कमर्शियल यूनिट को बंद करने के आदेश दिए थे जिनका गंदा पानी सुखना चौ में गिरता है। सीवरेज के पानी का बीओडी 50 तक
हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में जहां का भी पानी घग्गर में मिलता है। उसमें बीओडी, टीएसएस, फीकल कोलीफॉर्म, लैड और आयरन की मात्रा निर्धारित सीमा से कहीं ज्यादा है। इसे रोकने के लिए ही चीफ सेक्रेटरी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और एडमिनिस्ट्रेटर चंडीगढ़ को एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाने के लिए कहा गया था। इस टास्क फोर्स में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस, ऑफिसर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के अधिकारी शामिल हैं। सुखना चौ का पानी तो और भी खराब
पीने के पानी में बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमाड) का स्तर 0 होता है। जबकि सीवरेज के पानी को ट्रीट भी कर लिया जाए तो भी यह लेवल 10-20 बीओडी तक होता है। वहीं, सुखना चौ का पानी तो इससे कहीं ज्यादा खराब है। जिसका बीओडी 40-50 तक है। इन जगहों से सीवरेज घग्गर तक पहुंच रहा
मनीमाजरा से बहने वाले सुखना चौ में सबसे पहले पंचकूला के सकेतड़ी, राजीव कॉलोनी, मौलीजागरा और बुढ़नपुर के बीच में बहने वाले सीवर का पानी रायपुरकला के पास सुखना चौ में मिल जाता है। पंजाब के बलटाना का सीवर सुखना चौ में गिराया जा रहा है। मक्खनमाजरा से होते हुए यह घग्गर तक पहुंचता है। इसके अलावा भी कई ऐसी जगह है जहां सीवरेज चौ में गिर रहा है जो आगे जाकर घग्गर के पानी को खराब कर रहा है। बीओडी और दूसरी चीजें बढ़ने से पानी बदबू तो मारता ही है साथ ही जलीय जीवों की मौत का कारण भी बनता है।