मोहाली के जीरकपुर में सीवरेज जाम की समस्या हुई आम, लोगों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
जीरकपुर में 15 साल पहले करोड़ों की लागत से सीवरेज लाइनें डाली गई थी। शहर के 90 प्रतिशत हिस्से में सीवरेज लाइनें ब्लाक हो रही हैं। जिस कारण जीरकपुर के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मोहाली (जीरकपुर), जेएनएन। डेराबस्सी सब डिवीजन के अधीन आते जीरकपुर में प्रापर्टी लेने के लिए लोगों ने अपनी जीवन की पूंजी खर्च दी। लोग जीरकपुर में इसलिए घर लेते है क्योंकि यह चंडीगढ़ के पास है। लेकिन लोगों का कहना है कि अब लगता है कि उन्होंने गलती की है। क्योंकि सीवरेज के ओवर फ्लो के कारण सड़कों पर चलना भी मुश्किल है।
जीरकपुर को बसाते समय यहां करोड़ों की लागत से 15 सालों में जितनी भी सीवरेज लाइनें डाली गई, वे सब बेकार हो चुकी हैं। शहर के 90 प्रतिशत हिस्से में सीवरेज लाइनें ब्लाक हो रही हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि जब यहां नगर परिषद ने पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज विभाग को काम सौंपा, तब जनसंख्या का आकलन नहीं किया। जिसके चलते कम क्षमता वाली सीवरेज लाइनें डाल दी और अब लोग परेशान हो रहे है।
पूरे शहर में नए सीवरेज सिस्टम को डालने के लिए फिर से कई सौ करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे, तब कहीं जाकर शहर में सीवरेज लाइनें कारगर साबित होंगी। जीरकपुर में रेजिडेंशियल एरिया में ग्राउंड, फस्र्ट के साथ सेकेंड फ्लोर को आधा ही कंस्ट्रक्शन कर कवर किया जा सकता है। बिल्डिंग बायलाज के अनुसार यह पैरामीटर तय है लेकिन यहां इस बात का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया है।
यहां छोटी सीवर लाइनें डाली गई जोकि 15 सालों में ही जवाब दे गई। एमसी ने सुनवाई नहीं की तो हमें हाईकोर्ट जाना पड़ा। लेकिन बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रजनी
हाईकोर्ट ने जीरकपुर नगर परिषद को नई और बड़ी सीवर लाइन डालने के लिए जिला प्रशासन को आदेश दिए हैं। जीरकपुर नगर परिषद को 33 लाख से ज्यादा रुपए जमा करने को भी कहा है। यह अकेले शिवालिक विहार की बात नहीं, पूरे जीरकपुर में यही हाल है।
अरूण कुमार
धीरे धीरे लाइनें बदली जा रही है। शिवालिक विहार में नई सीवर लाइन डालने के लिए एमसी जल् फंड रिलीज करेगी। शहर में जहां भी सीवर लाइनें ब्लॉक हो रही हैं, उनको ठीक किया जा रहा है। अगर कहीं नई लाइन डालने की जरूरत पड़ेगी तो वहां नई लाइन डाली जाएगी।
मुकेश राय, म्यूनिसिपल इंजीनियर, जीरकपुर नगर परिषद