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चंडीगढ़ कांग्रेस के सीनियर नेता पवन बंसल ने गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में नहीं दिया भाषण, कार्यकर्ता भी हैरान

चंडीगढ़ कांग्रेस द्वारा सेक्टर 35 स्थित कांग्रेस कार्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। हर बार की तरह सभी बड़े नेता कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन सीनियर नेता पवन बंसल ने इस बार कार्यकर्ताओं को संबोधित नहीं किया जिससे सभी हैरान हो गए।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 12:30 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 12:30 PM (IST)
चंडीगढ़ कांग्रेस के सीनियर नेता पवन बंसल ने गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में नहीं दिया भाषण, कार्यकर्ता भी हैरान
कांग्रेस भवन में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल की मौजूदगी में अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने झंडा फहराया।

चंडीगढ़, जेएनएन। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल सेक्टर-35 के कांग्रेस भवन तो कार्यक्रम में पहुंचे, लेकिन उन्होंने भाषण नहीं दिया। ऐसा न होने पर मौके पर ही नेताओं और कार्यकर्ताओं में गपशप शुरू हो गई कि ऐसा क्यों हुआ। जबकि बंसल हर बार कांग्रेस भवन में जब जब कार्यक्रम होता है तो कार्यकर्ताओं को संबोधित जरूर करते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

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इस बार गणतंत्र दिवस पर पवन बंसल भवन में आए और कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के कान में कुछ कहा और सामने जाकर खड़े हो गए। अब यह बात बंसल के अलावा छाबड़ा को ही पता है कि आखिरकार पवन बंसल ने कार्यकर्ताओं और नेताओं को क्यों संबोधित नहीं किया। उसके बाद छाबड़ा ने ही कार्यक्रम का संचालन किया और झंडा फहराया और पवन बंसल ने अन्य नेताओं के साथ खड़े होकर झंडे को सलामी दी। हालांकि पवन बंसल जब से आल इंडिया कांग्रेस के कैशियर बने हैं तब से उनका कद भी काफी बढ़ गया है।

सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर को गाड़ी

नगर निगम की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के कारण नए वाहनों की खरीद पर पाबंदी लगाई हुई है, लेकिन हाल ही में वित्त एवं अनुबंध कमेटी ने जो बजट पास किया उसमे पांच नई गाडिय़ां खरीदने का भी प्रावधान शामिल कर दिया। इसकी कांग्रेस सदस्य सतीश कैंथ ने आपत्ति भी जताई, लेकिन उन्हें यह कह कर शांत करवाया गया कि वह राइडर सिर्फ कोरोना काल में वित्तीय स्थिति खराब होने और आय के साधन बढ़ाने के लिए लगाया गया था, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। मेयर रविकांत शर्मा ने भी इस बात का समर्थन किया, लेकिन असलियत यह है कि एमसी की स्थिति में अभी भी कोई सुधार नहीं हुआ। बैठक में यह भी बताया गया कि इन पांच में से जो दो नई गाडिय़ां आएगी वह पार्षदों के पुल के लिए रखी जाएगी। वह गाडिय़ां सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को भी दी जा सकती है अभी तक नगर निगम में इन दोनों को गाडिय़ां देने का कोई प्रावधान नहीं है। जबकि रविकांत शर्मा पिछले साल खुद सीनियर डिप्टी मेयर रहते हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को सरकारी गाड़ी देने की मांग करते आए हैं।  

मेयर की सिफारिश पर सम्मान

इस गणतंत्र दिवस पर नगर निगम की ओर से रेवडिय़ों की तरह कुल 178 लोगों को सम्मान बांटे गए।जिनमे कर्मचारियों की संख्या ज्यादा थी।17 लोग पब्लिक में से भी चयनित किए गए, लेकिन उनमे भी भाजपा नेताओं और नेत्रियों की संख्या ज्यादा थी। ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा नेता शामिल थे। इन सभी भाजपा नेताओं और नेत्रियों के नाम की सिफारिश मेयर रविकांत शर्मा ने किसी की परवाह किए बिना की तो नाम काटने की हिम्मत कौन अधिकारी दिखाता। जबकि कई असल में समाजसेवा करने वालों को छोड़ दिया गया। यह बात भाजपा के अन्य पार्षदों को भी खली लेकिन बवाल मचने की आशंका होने पर आवाज उठाने की हिम्मत किसी में भी नहीं हुई। भाजपा के चंडीगढ़ अध्यक्ष अरुण सूद ने भी इस मामले में चुप्पी साधी रखी असल में इन भाजपा नेताओं और नेत्रियों को कोरोना काल में सामाज सेवा की थी, लेकिन गपशप करते हुए चंद कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता कहते है कि जो काम भाजपा नेताओं ने किया वह काम उन्होंने ने भी किया था। अब नगर निगम में भाजपा का मेयर है, तो सम्मान भी उनके नेताओं को ही मिलेगा।

थर्मामीटर तोड़ दो

भाजपा के एक नेता है, जिनका शरीर का तापमान 99 डिग्री से नीचे नहीं रहता। ऐसे में वह कई डाक्टरों की भी सलाह ले चुके हैं। हाल ही में वह पीजीआइ में एक डाक्टर के पास गए, जिन्हें उनका एक दोस्त लेकर गया। यह दोस्त भी एक सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी है। डाक्टर ने नेता जी को देखने के बाद कहा कि वह तापमान मापने वाला थर्मामीटर ही तोड़ दो वह तो इस तापमान को ही बुखार नहीं मानते हैं। डाक्टर ने कहा कि उनके भी कई जानकारों को ऐसा ही तापमान पिछले तीन माह से है। ऐसे में यह नार्मल स्थिति ही है। इस पर भाजपा नेता भी हैरान हो गए कि डाक्टर साहब क्या कह रहे हैं। नेता जी भी अपने दोस्त के साथ तुरंत डाक्टर के कमरे से बाहर हो गए। बाहर निकलते ही अपने साथ गए दोस्त को मजाक करते हुए कह दिया कि भाई कहीं विपक्षी दल वालों ने तो जानबूझकर तुम्हें प्लांट करके इस डाक्टर के पास भेजा है। यह सुनकर दोस्त भी खूब हंस पड़ा।


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