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करोड़ों खर्च करने के बाद भी सांसद किरण खेर का गोद लिया गांव बदहाल

आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद किरण खेर द्वारा गोद लिया गांव रायपुर कलां इन दिनों बीमार चल रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 08:41 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 12:13 PM (IST)
करोड़ों खर्च करने के बाद भी सांसद किरण खेर का गोद लिया गांव बदहाल
करोड़ों खर्च करने के बाद भी सांसद किरण खेर का गोद लिया गांव बदहाल
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद किरण खेर द्वारा गोद लिया गांव रायपुर कलां इन दिनों बीमार चल रहा है। आलम यह है कि गांव के एकमात्र स्वास्थ्य केंद्र में बैठने वाली डॉक्टर भी बिना बताए छुट्टी पर है। बेशक सांसद ने रायपुर कलां में करोड़ों रुपये खर्च कर स्वास्थ्य केंद्र, बच्चों के लिए आंगनबाड़ी, पब्लिक टॉयलेट, सड़कें और स्ट्रीट लाइटें लगवा दी हैं। लेकिन गांव की बदहाली दूर नहीं हो पाई। दैनिक जागरण टीम ने शनिवार को सांसद के दूसरे गोद लिए गांव रायपुर कलां का रियलिटी चेक किया।

स्वास्थ्य केंद्र व आंगनबाड़ी दयनीय हालत में
सबसे पहले गांव में बने स्वास्थ्य केंद्र का मुआयना किया गया। जब स्वास्थ्य केंद्र के अंदर दाखिल हुए, तो चारों तरफ गंदगी का ढेर था। डॉक्टर के कमरे पर ताला लगा हुआ था। वहां मौजूद जब कुछ वर्करों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर साहिबा के घर से फोन आया था। वह चली गईं। स्वास्थ्य केंद्र सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक खुले रहते हैं। 12 बजे जब स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था। आंगनबाड़ी में गंदगी का माहौल, सुरक्षित नहीं बच्चे रायपुर कलां में 3 से 5 साल के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया है। ताकि बच्चे यहां जाकर शिक्षा ले सकें और अच्छे आचरण को अपने अंदर ढाल सकें। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र को देखकर यह प्रतीत होता है कि यहां महीनों से सफाई नहीं हुई है। गंदगी के ढेर पर बने आंगनबाड़ी का जब मुआयना किया गया। यहां भी कमरों पर ताला लगा हुआ था। थोड़ी देर बाद जब यहां मौजूदा महिला कर्मचारी आई, तब आंगनबाड़ी केंद्र खोला गया। आंगनबाड़ी के अंदर जिस फर्श पर बच्चे बैठते हैं, उसकी सफाई कई माह से नहीं हुई दिखी।

सड़कों का बुरा हाल, गलियों में गंदा पानी और कूड़े का ढेर
रायपुर कलां गांव की सड़कों का हाल देखकर ऐसा लगता है कि जैसे पिछले 10 सालों से इनकी मरम्मत नहीं हुई है। गांव की गलियों में बनी सड़कों पर जगह-जगह गंदा पानी और कूड़े का ढेर लगा हुआ था। बच्चों के लिए बनाए गए खेल के मैदान बदहाल पड़े थे। गांव में जगह-जगह गंदगी का ढेर लगा हुआ दिखा। पब्लिक टॉयलेट पर भी ताला लाखों रुपये खर्च कर गांव के लोगों के लिए बनाए गए पब्लिक टॉयलेट बंद पड़े मिले। जब स्थानीय लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पब्लिक टॉयलेट हमेशा बंद रहते हैं, महिलाओं व बच्चों को मजबूरन शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। इसके अलावा टॉयलेट के अंदर लगे पानी के नल, टॉयलेट सीट, फर्श टूटे मिले।

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