चंडीगढ़ की स्कूल टीचर रीतु कोरोना से ठीक होकर काम पर लौटी, बोली- परिवार की सपोर्ट से जल्द हुई स्वस्थ
कोरोना से ठीक होने वाली चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल की शिक्षिका का कहना है कि संक्रमित होने पर घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि आप मानसिक तौर पर मजबूत रहेंगे तो जल्द स्वस्थ होंगे। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरत परिवार की होती है।
चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण किसी को भी हो सकता है। इसका इलाज संभव है बस जरूरी है कि संक्रमित घबराए नहीं और अपने आप को मानसिक तौर पर मजबूत रखे। यह कहना है गवर्नमेंट मॉडल मिडिल स्कूल सेक्टर- 49 की अध्यापिका रीतु का। रीतु भी कोरोना संक्रमित हुईं थी और बिल्कुल स्वस्थ होकर ठीक हो चुकी हैं।
रीतु ने बताया कि मुझे शरीर में हल्की थकान और बुखार का अहसास हुआ तो सबसे पहले मैंने टेस्ट करवाया और उसके साथ ही मैंने स्कूल की कुछ फाइल जिन पर मैं रूटीन में काम करती थी उन्हें अपने घर ले आई। मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मैंने खुद को अपने परिवार से दूर कर लिया और ज्यादा से ज्यादा आराम किया। जब मुझे लगता कि मैं अकेली हूं तो स्कूल का एहसास कर काम करना शुरू कर देती। जिस तरह मैं स्कूल में टीचर्स से काम के सिलसिले में बात करती थी वह काम मैंने घर से टेलीफोन पर शुरू कर दिया। जिसके चलते न तो मेरा स्कूल का काम रुका और न ही मेरी अंदर कोई नकारात्मक सोच आई।
बच्चों की आई याद, लेकिन सुरक्षा को देखते समझाया दिल को
रीतु ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं घर में आइसोलेट होने के दौरान सबसे ज्यादा याद बच्चों की आती थी। बच्चों और परिवार की सुरक्षा को देखते हुए मैं खुद को समझाया। मुझे विश्वास था कि यदि मैं पॉजिटिव सोच रखूंगी तो जल्द ठीक हो जाऊंगी। इसके साथ ही मुझे अपने परिवार पर विश्वास था क्योंकि वह मेरी केयर करने के साथ मेरे बच्चों की भी बेहतर देखभाल कर रहे थे।
परिवार का सहयोग जरूरी
कोरोना के बारे में रीतु ने कहा कि यह महामारी है जो कि घातक है लेकिन यदि इंसान के अंदर सकारात्मक सोच है और परिवार का सहयाेग रहता है तो कोरोना को जल्द ही हराया जा सकता है। कोरोना पेशेंट के लिए बेहतर खाना, उसे समय पर दवाई देना या फिर से मोटिवेट रखना सबसे जरूरी है। यह कार्य मेरे परिवार से बखूबी किया है।