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चंडीगढ़ के स्कूल शिक्षक को मिला राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान 2021, दिल्ली में सम्मानित हुए डॉ. रमेश चंद शर्मा

चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल शिक्षक को राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान 2021 से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें 18 फरवरी को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया है। शिक्षा क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए डॉ. रमेश चंद शर्मा को यह अवॉर्ड दिया गया है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 02:15 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 02:15 PM (IST)
चंडीगढ़ के स्कूल शिक्षक को मिला राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान 2021, दिल्ली में सम्मानित हुए डॉ. रमेश चंद शर्मा
राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान 2021 अवॉर्ड पाने वाले चंडीगढ़ के शिक्षक डॉ. रमेश चंद शर्मा।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ के शिक्षक को शिक्षा के क्षेत्र में बहतरीन योगदान के लिए सम्मान मिला है। गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-18 के लेक्चरर डॉ. रमेश चंद शर्मा को राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान-2021 से नवाजा गया है। डॉ. रमेश चंद शर्मा चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में समाजशास्त्र के लेक्चरर पद पर कार्यरत हैं। डॉ. रमेश चंद को यह अवॉर्ड नेशनल एचीवर रिकॉग्निशन फोरम द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान-2021 कार्यक्रम में बुधवार को देर शाम कंस्टीटूशन क्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल की तरफ से दिया गया है। यह अवॉर्ड दिल्ली सरकार की तरफ से शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए मिला है।

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डॉ. शर्मा शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण  विकास में भूमिका निभा रहे हैं । स्टूडेंट्स में सामाजिकता समावेश के उद्देश्य से यह स्टूडेंट्स को विभिन्न सामाजिक कार्य करने के लिए प्रेरित करते है। डा. रमेश चंद ने विद्यालय में ‘आरोग्य वाटिका’ ‘नेकी की दीवार’ स्थापित की है। कोविड-19 के दौरान बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ डॉ रमेश द्वारा 100 प्रेरणादायक कविताओं का एक संग्रह प्रेरणा शतक प्रकाशित किया गया।

अरोग्य वाटिका में लगे हैं सौ प्रजातियों के हर्बल पौधे

गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-18 में बनाई गई अरोग्य वाटिका में सौ के करीब हर्बल पौधों की प्रजातियों मौजूद हैं। हर्बल पौधों का स्कूल की तरफ से अलग-अलग समय में फ्री में डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है। इसके अलावा स्कूल कैंपस में 170 साल से भी ज्यादा पुराने ऐतिहासिक पेड़ भी मौजूद हैं। जिनका संरक्षण का जिम्मा डॉ. रमेश चंद शर्मा निभा रहे है। डॉ. रमेश ने बताया कि शिक्षा हर कदम पर स्टूडेंट्स को दी जा सकती है इसलिए किताबी शिक्षा के साथ-साथ अरोग्य वाटिका, नेकी की दीवार और समय-समय पर अलग-अलग विषयों की स्कूल में एग्जीबिशन को आयोजित करवाने का काम भी करते हैं।


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