एसबीआइ ने तीसरी वर्षगांठ पर पीजीआइ को 340 अंगदान की शपथ सौंपी Chandigarh News
एसबीआइ का कहना है कि दान को उत्सवों का हिस्सा बनाना चाहिए। इससे लोगों को आगे आने और प्रतिज्ञा करने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलती है। इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए एसबीआइ द्वारा की गई पहल वास्तव में इस दिशा में एक बड़ा कदम है
चंडीगढ़, जेएनएन। स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) योनो ने अपनी तीसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर पीजीआइ चंडीगढ़ को 340 इम्पलाइज की अंगदान की शपथ सौंपी। सेक्टर-17 स्थित एलएचओ एसबीआइ में इस दौरान एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एसबीआइ के सीजीएम अनुकुल भटनागर ने पीजीआइ के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रो. एके गुप्ता की मौजूदगी में यह शपथ पत्र उन्हें सौंपे।
इस दौरान बैंक के जीएम सुरेंद्र राणा भी उपस्थित रहे। इस दौरान प्रो. एके गुप्ता ने ऑर्गन डोनेशन पर उनके सराहनीय अभियान के लिए एसबीआइ की सराहना की और कहा कि अंगदान के मुद्दे पर कर्मचारियों के साथ जुड़ने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता है। दान को उत्सवों का हिस्सा बनाना चाहिए। इससे लोगों को आगे आने और प्रतिज्ञा करने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलती है। इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए एसबीआई द्वारा की गई पहल वास्तव में इस दिशा में एक बड़ा कदम है और दूसरों के अनुसरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगी।
प्रो. गुप्ता ने संबोधन के माध्यम से जन जागरूकता की आवश्यकता का समर्थन करते हुए कहाकि एक देश के रूप में हम वास्तव में इस विश्वास में रखने में पिछड़ गए हैं कि अंगों का दान किया जा सकता है। इसलिए अंग दान के इस परोपकारी कारण पर निरंतर और आवधिक संवेदना को मुख्य रूप से बढ़ाया जाना चाहिए। प्रो. गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि अंग दान में कमी और आत्मनिर्भरता की उपलब्धि का समाधान मृतक दाता कार्यक्रम की व्यवस्थित मजबूती के माध्यम से ही संभव है।