जीरकपुर तहसील में सर्वर डाउन, किसी की रजिस्ट्री तो किसी का इ्रंतकाल अटका
पंजाब सरकार की तरफ से लोगों की सुविधा के लिए रजिस्ट्री करवाने के लिए आनलाइन सिस्टम शुरू किया है लेकिन यह सुविधा उनके लिए दुविधा बनती जा रही है।
जागरण संवाददाता, जीरकपुर : पंजाब सरकार की तरफ से लोगों की सुविधा के लिए रजिस्ट्री करवाने के लिए आनलाइन सिस्टम शुरू किया है, लेकिन यह सुविधा उनके लिए दुविधा बनती जा रही है। इस वेबसाइट पर आनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने के लिए लोगों को तीन-तीन घंटे बैठना पड़ रहा है। जहां यह काम पांच मिनट में हो जाता था, उसमें करीब तीन-तीन घंटे लग रहे है। शुक्रवार को जीरकपुर तहसील में काफी धीमी रफ्तार से काम चल रहा था। सर्वर डाउन होने के कारण वेबसाइट नहीं चली और दोपहर एक बजे तक कोई रजिस्ट्री नहीं हुई। लेकिन बाद दोपहर कुछेक रजिस्ट्री ही हो पाई। सर्वर डाउन होने से कई लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।
रजिस्ट्री करवाने आए लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से रजिस्ट्री की आनलाइन अप्वाइंटमेंट के लिए नैशनल जेनेरिक डाक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम नाम की वैबसाइट शुरू की गई है, लेकिन पिछले कई दिनों से यह नहीं चल रही। इस कारण वसीका नवीस और वकीलों को वसीयत, मुख्तारनामा, सेल डीडी, रजिस्ट्री की अप्वाइंटमेंट लेने में परेशानी हो रही है। चंडीगढ़ से एक प्राइवेट कंपनी इसे चलाती है, लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी इस समस्या का हल नहीं किया है। वहीं तहसील अधिकारियों ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मुश्किल पूरे पंजाब में आ रही है। नेटवर्क समस्या के कारण ही यह सब कुछ हो रहा है। जीरकपुर तहसील में रजिस्ट्री करवाने आए लोगों से तहसील कार्यालय खचाखच भरा हुआ था। एक रजिस्ट्री करवाने के लिए पांच-पांच लोग तहसील कार्यालय में पहुंच रहे थे। आज तहसील कार्यालय के हालात देखकर किसी भी व्यक्ति में कोरोना का खौफ नजर नहीं आया। लोगों ने सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं रखा और ना ही मास्क पहना हुआ था।
कोट्स
हमारा स्टाफ और मैं खुद सवा 9 बजे तहसील में पहुंच जाते हैं। लेकिन लोग खुद ही लेट आ रहे हैं। जिसकी अप्वाइंटमेंट सुबह 11 बजे की है वह 3 बजे आ रहा है जिसकी 2 बजे है वह 4 बजे आ रहा है। इस वजह से रजिस्ट्रियां लेट हो रही हैं। वहीं बात रही कोरोना गाइडलाइन की तो हम बार-बार लोगों को अनाउंसमेंट के जरिए सुचेत रहने के लिए कह रहे हैं और जगह-जगह हमने लिखकर नोटिस भी लगाएं हुए हैं लेकिन लोग उसे फॉलो नहीं कर रहे।
पुनीत बांसल, तहसीलदार जीरकपुर