सरदारा सिंह ने ब्रिटिश युवती के आराेपों को नकारा, कहा-सिर्फ अच्छी दोस्ती थी
भारतीी हॉकी टीम के कप्तान सरदारा ने खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों को गलत करार दिया है। उन्होेंने कहा कि उनकी उस युवती से बस अच्छी दोस्ती थी और कुछ नहीं। यदि लुधियाना पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएगी तो वह व्यवस्त शेड्यूल के बावजूद जाएंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ने बृहस्पतिवार को अपने ऊपर लगे यौन शोषण और जबरन गर्भपात कराए जाने के आरोपों सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल की ब्रिटिश युवती से उनकी अच्छी दोस्ती थी, लेकिन यौन शोषण और गर्भपात कराए जाने की बात बेबुनियाद है। उन्हाेंने कहा कि युवती के मंगेतर होने का दावा बिल्कुल गलत है। उससे उनकी कोई सगाई नहीं हुर्इ।
ब्रिटिश युवती द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद सरदारा सिंह पहली बार मीडिया से रूबरू हुए और पूरे प्रकरण पर अपनी सफाई दी। पत्रकार वार्ता में वह अपने दो वकीलों के साथ आए थे। उन्होंने कहा कि युवती भी हाॅकी खिलड़ी है और इसर नाते उनकी अच्छी दोस्ती थी। यही कारण है कि वह भारत आई तो वह उनसे (सरदारा) के घर भी आई। उन्होेंने कहा कि उनका ध्यान अभी हाकी लीग और रियो आेलंपिक की तैयारियों पर है। उन पर लगाए गए आरोप इसी से ध्यान भटकाने की साजिश है।
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सरदारा ने गर्भपात से लेकर महिला के साथ किसी भी तरह का संबंध हाेने सहित तमाम आरोपों से इंकार किया। सरदारा के अनुसार, उनकी युवती से संपर्क 2012 में लंदन ओलंपिक से पहले फेसबुक पर हुई थी। इसके बाद वह ओलंपिक के दौरान उससे कई बार मिले भी। मामले के तमाम आरोपों से जुड़े अधिकतर सवालों से बचते हुए उन्होंने कहा की वह महिलाओं की इज्जत करते हैं और अपनी सीमाएं जानते हैं। उन्हें आपने परिवार से ऐसे ही संस्कार मिले हैं।
यह पूछे जाने पर कि यदि आरोप लगाने वाली युवती अपनी शिकायत वापस ले लेती है तो क्या वे उसके साथ शादी करेंगे तो उन्होंने सीधे जवाब न देते हुए फिर दोहराया की वह महिलाओं की इज्जत करते हैं।
कहा, आराेपों में मर्यादित शब्दों का इस्तेमाल नहीं
सरदारा ने कहा कि उनके लिए इस समय हॉकी जयादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने बार-बार दोहराया कि उनका युवती के साथ कोई यौन संबंध नहीं है और न था। उन्होंने कहा, आरोपों में जिस तरह के शब्दों का प्रयोग हुआ है वह अच्छे व मर्यादित नहीं हैं। मैं उसी तरह शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहता हूं, क्योंकि मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करता हूं और युवा हॉकी खिलाडियों अनुसरण करते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह के खिलाफ भारतीय मूल की ब्रिटिश महिला हॉकी खिलाड़ी ने यौन शोषण व जबरन गर्भपात के आरोप लगाए हैं। आरोप लगाने वाली महिला ब्रिटेन में भारतीय मूल की प्रथम सिख महिला हॉकी खिलाड़ी रही है।
युवती मेरे नाम पर खुद ही चला रही थी र फेसबुक व ट्विटर अकाउंट
सरदारा ने कहा, युवती ही मेरे फेसबुक व ट्विटर का इस्तेमाल कर रही थी। वह मेरे नाम पर फेसबुक व ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल कर रही थी। सरदार ने कहा कि वह पिछले दो सालों से फेसबुक ट्विटर का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।
शिकायत की कापी देखने के बाद कार्रवाई के बारे में करुंगा फैसला
उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि ब्रिटिश युवती द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत की कॉपी पढ़ी नहीं है। उन्हें अखबारों के जरिये खुद पर लगे आरोपों के बारे में पता चला है।शिकायत की काॅपी देखने के बाद ही कोई क़ानूनी कार्रवाई किए जाने को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचेंगे।
सरदारा ने कहा की वह इस समय हॉकी लीग के मैचों में व्यस्त हैं। यह पूछे जाने पर कि व्यस्त शेड्यूल में लुधियाना पुलिस जांच के लिए बुलाती है तो क्या वह इसमें शामिल होंगे तो उन्होंने कहा कि अगर लुधियाना पुलिस बुलाएगी की तो जाना ही पड़ेगा।
दूसरी ओर, लुधियाना के पुलिस कमिश्नर पीएस उमरानंगल ने एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं। एसआइटी में एडीसीपी-4 सतबीर अटवाल, एसीपी सदर व गिल गुरप्रीत पुरेवाल और एसएचओ थाना कूमकलां सुरजीत सिंह नागरा शामिल हैं।
सोमवार को पुलिस कमिश्नर को दी शिकायत में ब्रिटेन अंडर-19 हॉकी खेल चुकी खिलाड़ी ने बताया है कि वह लीड्स की रहने वाली है। मूल रूप से उसका परिवार हरियाणा के सिरसा जिले से है। सरदार से उसकी मुलाकात इंग्लैंड में 2012 में लंदन ओलंपिक के दौरान हुई थी। जहां उसने उसे प्रपोज किया था। उसके बाद दोनों भैणी साहिब में मिले। वहीं सरदार सिंह ने उसके साथ शादी का वादा करते सगाई की थी।
महिला खिलाड़ी ने बताया है कि इसी इलाके में सरदार सिंह के मामा का घर है। मामा के घर पर ही सरदार ने उसके साथ दुष्कर्म किया था, जिससे वह गर्भवती हो गई। बाद में उसकी मर्जी के खिलाफ गर्भपात कराया गया। इसके बाद सरदार ने नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और शादी से इन्कार कर दिया। इससे वह तनाव में है। शिकायत में लिखा है कि उसे उम्मीद है कि यहां इंसाफ मिलेगा।
इंग्लैंड में पैदा हुई युवती 2010 में पहली ब्रिटिश एशियन महिला थी जिसने इंग्लैंड की जूनियर महिला हॉकी टीम का नेतृत्व किया। रिपोर्ट के अनुसार वो बॉस्टन क्लब के लिए इन्वेस्टेक वूमेन प्रीमियर लीग भी खेल चुकी है।