शिअद राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को देगा वोट, पार्टी की कोर कमेटी ने किया फैसला
शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक हुई। इसमें फैसला हुआ कि राष्ट्रपति चुनाव में शिअद एनडीए की उम्मीदवार द्राेपदी मुर्मू को समर्थन देगा। बैठक के बाद शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि शिअद राष्ट्रपति के चुनाव में द्रोपदी मुुर्मू को वोट देगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को होने वाले मतदान में एनडीए को अपने पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) का समर्थन मिला है। एनडीए के पुराने घटक रहे शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को वोट देने का फैसला किया है। पंजाब में शिअद के दो सांसद और तीन विधायक हैं।
Shiromani Akali Dal has accepted the appeal of Ms Draupadi Murmu for support in the forthcoming presidential poll as she symbolizes the cause of minorities, tribals, the exploited and backward classes as well as the dignity of women. She has emerged as a symbol of the poor. pic.twitter.com/GOj9Axsw4L
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) July 1, 2022
भाजपा के साथ भले ही मतभेद हो लेकिन पार्टी अनुसूचित जनजाति के लिए खड़ी हैः सुखबीर
पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने बताया कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में पार्टी किसे अपना वोट दे इसे लेकर शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी ने करीब 3 घंटे तक मंथन किया। इसके बाद यह फैसला हुआ कि पार्टी कांग्रेस के साथ कतई नहीं जाएगी। भाजपा के साथ भले ही उनके कितने भी मतभेद हो लेकिन एनडीए के उम्मीदवार को ही समर्थन देंगे।
द्रौपदी मुर्मू ने भी मांगा था सुखबीर बादल से समर्थन
सुखबीर बादल ने कहा कि पार्टी किसी भी सूरत में कांग्रेस के साथ नहीं जा सकती है, क्योंकि पार्टी यह नहीं भूल सकती है कि कांग्रेस ने किस प्रकार से सिखों पर जुल्म किया। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल शुरू से ही गरीबों, अल्पसंख्यक वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के हक में रही है।
उन्होंने कहा कि कृषि कानून, चंडीगढ़ पर से पंजाब के अधिकार कम करने, पंजाब यूनिवर्सिटी का केंद्रीयकरण करने जैसे मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल के भाजपा के साथ वैचारिक मतभेद है, लेकिन देश के हित को ध्यान में रखते हुए पार्टी एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डालेगा।
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के लोक सभा में दो सदस्य है। जबकि पंजाब विधान सभा में पार्टी के 3 विधायक है। बता दें कि वीरवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुखबीर बादल को फोन करके उनसे समर्थन मांगा था। जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष ने शुक्रवार को कोर कमेटी की बैठक बुलाई।
कोर कमेटी ने तीन घंटे तक इस बात पर मंथन किया कि राष्ट्रपति के चुनाव में पार्टी का क्या स्टैंड होना चाहिए। सुखबीर बादल ने स्पष्ट किया कि पार्टी के पास दो विकल्प थे। कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी व एनडीए के प्रत्याशी। पार्टी किसी भी सूरत में कांग्रेस के साथ नहीं जा सकती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ भले ही पार्टी के मतभेद हो लेकिन शिरोमणि अकाली दल का इतिहास रहा है कि वह गरीब, अल्पसंख्यक व एससी-बीसी, एसटी के हक में खड़ी रही है। सुखबीर बादल ने बताया कि आज उन्हें द्रौपदी मुर्मू का भी फोन आया था और उन्होंने समर्थन मांगा था। पार्टी द्रौपदी मुर्मू का ही समर्थन करेगी।