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तल्‍ख हुए रिश्‍ते : भाजपा बोली- आरएसएस और हम सिख विरोधी तो गठबंधन तोड़े शिअद

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के रिश्‍ते तल्‍ख होते नजर आ रहे हैं। भाजपा ने कहा है कि यदि अारएसएस और हम सिख विरोधी हैं तो शिअद गठबंधन तोड़ ले।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 28 Oct 2017 09:13 AM (IST)Updated: Sat, 28 Oct 2017 09:14 AM (IST)
तल्‍ख हुए रिश्‍ते : भाजपा बोली- आरएसएस और हम सिख विरोधी तो गठबंधन तोड़े शिअद
तल्‍ख हुए रिश्‍ते : भाजपा बोली- आरएसएस और हम सिख विरोधी तो गठबंधन तोड़े शिअद

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में भाजपा आैर शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन में दरार नजर आने लगी है। भाजपा और आरएसएस को सिख विरोधी कहे जाने से नाराज भाजपा ने कड़ा रुख अपनाया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने यहां तक कह दिया कि यदि भाजपा और आरएसएस सिख विरोधी हैं तो शिअद गठबंधन तोउ़ ले। यह विवाद राष्‍ट्रीय सिख संगत की ओर से श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व संबंधी दिल्ली में 25 अक्टूबर को हुए समारोह को लेकर शुरू हुए हुआ है और विवाद से शिअद-भाजपा में टकराव बढ़ गया है।

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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा है कि शिरोमणि अकाली दल चाहे तो भाजपा से नाता तोड़ सकता है। गौरतलब है कि दिल्ली में हुए समारोह का शिरोमणि सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बहिष्कार किया था, क्योंकि राष्ट्रीय सिख संगत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़़ा है। श्री अकाल तचत ने सिख संगत को आरएसएस के कार्यक्रमों में न जाने का हुक्मनामा जारी कर रखा है।

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एक निजी न्यूज चैनल पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान किरपाल सिंह बडूंगर ने आरएसएस और भाजपा को सिख विरोधी बताया था। इसके बाद से ही दोनों दलों में इस मुद्दे पर टकराव बढ़ गया था। अब भाजपा के राट्रीय महासचिव हरजीत सिंह ग्रेवाल ने इस विवाद को और हवा दे दी है।

ग्रेवाल ने कहा कि अगर आरएसएस व बीजेपी सिख विरोधी हैं, तो अकाली दल को चाहिए कि वह भाजपा से नाता तोड़ ले और अकेले ही चुनाव लड़े। इस पर अकाली दल ने कहा कि ऐसी बातें गठबंधन के किसी भी नेता को सार्वजनिक मंच पर नहीं करनी चाहिए। यह मुद्दा को-ऑर्डिनेशन कमेटी में उठाना चाहिए।

पिछले वर्ष भी हुई थी तनातनी

वर्ष 2016 में भी दोनों राजनीतिक दलों के गठबंधन के टूटने को लेकर माहौल खासा गर्म हो गया था, लेकिन दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने गठबंधन पर ही विश्वास जताया और एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ा। ग्रेवाल ने कहा, 'एक तरफ अकाली दल भाजपा की ही गोद में बैठे रहना चाहता है और दूसरी तरफ भाजपा को ही सिख विरोधी बता रहा है। यह उचित नहीं है।'

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दूसरी आेर, अकाली दल ने ग्रेवाल के इस बयान को गंभीरता से लिया है। अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा, एसजीपीसी अध्यक्ष की यह ड्यूटी बनती है कि श्री अकाल तख्त साहिब के फरमान को आगे रखें। जहां तक गठबंधन की बात है तो को-आर्डिनेशन कमेटी में इस मुद्दे को उठाना चाहिए। दोनों ही दलों के नेताओं को इस तरह की बातें मीडिया या सार्वजनिक मंच पर नहीं करनी चाहिए। इससे गलत संदेश जाता है।

 


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