शिअद को सुखबीर बादल के लिए कांग्रेस से लग रहा है डर, जानें किस मामले में फंसाने का जताया शक
शिरोमणि अकाली दल को अपने प्रधान सुखबीर सिंह बादल को पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा झूठे मामले में फंसाने का डर सता रहा है। शिअद ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी सरकार सुखबीर बादल को फंसाने की साजिश रच रही है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल को पंजाब की कांग्रेस सरकार से अपने प्रधान सुखबीर सिंह बादल को लेकर डर सता रहा है। शिअद का कहना है कि चरणजीत सिंह चन्नी सरकार सुखबीर बादल को झूठे केस में फंसाने की साजिश रच रही है। इस बारे में 22 अक्टूब को मीटिंग भी हुई है। इसके साथ ही पार्टी ने बेअदबी मामले की पूरी जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश को सौपंने की मांग की।
सीएम और गृहमंत्री ने अफसरों के साथ गुप्त बैठक कर शिअद अध्यक्ष को फंसाने की साजिश रची
वरिष्ठ अकाली नेता महेशइंदर सिंह ग्रेवाल के साथ प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा 22 अक्टूबर को सुबह साढ़े 11 बजे से डेढ़ बजे के बीच राजभवन एनेक्सी में गुप्त मीटिंग कर इस साजिश को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि मीटिंग में डीजीपी आइपीएस सहोता, गृहसचिव अनुराग वर्मा, एडवोकेट जनरल एपीएस देओल, एसआईटी के चेयरमैन एसपीएस परमार, एआइजी आर.एस. सोहल, एसएसपी मुखविंदर भुल्लर, डीएसपी लखबीर सिंह तथा इंस्पेक्टर दलबीर सिंह ,रिटायर्ड पुलिस अधिकारी आर.एस. खटड़ा और सुलेखान सिंह तथा विधायक कुशलदीप ढ़िल्लों तथा कुलबीर जीरा मौजूद थे।
ग्रेवाल ने कहा कि इस मीटिंग का उद्श्य कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों खासतौर से बादल परिवार को झूठे मामलों में फंसाना और लोगों का ध्यान भटकार सत्ता विरोधी लहर को बेअसर करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व आइजी आर.एस. खटड़ा, को बादल परिवार के खिलाफ झूठे गवाहों के जरिए बयान देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि खटड़ा को संवैधानिक पद का वादा किया गया है और उनके बेटे काे पटियाला या मालवा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट देने का वादा किया गया है।
ग्रेवाल ने कहा कि इस डील के हिस्से के रूप में खटड़ा ने एक कांग्रेस कार्यकर्ता राजिंदर कौर मीमसा को शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराने के लिए तैयार किया। साजिश यह है कि राजिंदर प्रेस कांफ्रेंस करेंगी डीजीपी से पूछेंगी कि उसकी शिकायत दर्ज क्यों नही की जा रही है। ‘तैयार की गई शिकायत यह है कि कांग्रेस कार्यकर्ता, जो अस्थायी रूप से शिअद में शामिल हो गई थी, 2017 में सरदार बादल के निवास पर गई थी। उन्होने कहा कि बाद में राजिंदर ने दावा किया कि उन्होने 2017 के चुनावों के बाद बादल के आवास में सुखबीर सिंह बादल को कुछ नेताओं को यह कहते हुए सुना था कि नई सरकार हमारी है और मैं आपके साथ कुछ नही होने दूंगा।
प्रो. चंदूमाजरा और डॉ. चीमा ने राज्यपाल से आग्रह किया कि 22 अक्टूबर को सवेरे 11.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक पंजाब राजभव के गेस्टहाउस में हुई मीटिंग की सीसीटीवी फुटेज पार्टी को उपलब्ध कराएं। उन्होंने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से भी मांग की कि वे इस बात का खुलासा करें कि एसआइटी की मीटिंग इतने गुप्त अंदाज में क्यों हुई और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी इससे क्यों जुड़े रहे।