Move to Jagran APP

सुखबीर बादल पर दबाव के बीच अकाली दल कोर कमेटी की बैठक शुुरू, हो सकते हैं अहम फैसले

SAD Core Committee Meeting शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की अध्‍यक्षता में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक जारी है। इसमें बड़े फैसले हो सकते हैं। सुखबीर सिंह बादल के इस्‍तीफे की चर्चाओं के बीच यह बैठक अहम मानी जा रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 02:31 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 03:24 PM (IST)
सुखबीर बादल पर दबाव के बीच अकाली दल कोर कमेटी की बैठक शुुरू, हो सकते हैं अहम फैसले
शिअद कोर कमेटी की बैठक में माैजूद सुखबीर सिंह बादल और अन्‍य नेता। (एएनआइ)

चंडीगढ़ , जेएनएन । शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक शुरू हो गई है। इसमें पार्टी के तमाम वरिष्‍ठ नेता भाग लग रहे हैं। इसकी अध्‍यक्षता पार्टी के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल कर रहे हैं। संगरूर संसदीय सीट के उपुचनाव में शिअद के खराब प्रदर्शन व पांचवें स्‍थान रहने के बाद सुखबीर बादल की अध्‍यक्ष पद जल्‍द ही छोड़ने की चर्चाओं के कारण इस बैठक को महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है। 

loksabha election banner

 कोर कमेटी की बैठक में पार्टी की हालत पर चर्चा करने के साथ ही राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर भी विचार- विमर्श होगा। पार्टी यह फैसला करेगी कि उसका इस चुनाव में क्‍या रुख होगा। इस बैठक में इकलाब सिंह झूंदा की रिपोर्ट पर भी चर्चा हो सकती है। झूंदा ने विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल की हार के बाद उसके कारणों पर रिपोर्ट दी थी। 

शिअद कोर कमेटी की बैठक में सुखबीर सिंह बादल। (एएनआइ)  

झूंदा की रिपोर्ट में संगठन में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की सिफारिश की गई थी। संगरूर लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद बदलाव के लिए दबाव बढ़ गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी ) के सदस्यों ने भी पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं।

बताया जा रहा है कि शिअद की कोर कमेटी की बैठक में पार्टी प्रधान बदलने पर भी चर्चा हो सकती है। बता दें शिअद के कुछ नेताओं की ओर से दबे जुबान में ही सुखबीर सिंह बादल के पार्टी का अध्‍यक्ष बने रहने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि शिअद के  संगठन में पूरी तरह से फेरबदल होना चाहिए , ताकि पार्टी फिर सक्रिय होकर अपनी नई पहचान बना सके। 

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद शिअद का चुनावों में प्रदर्शन काफी खराब रहा है। बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन भी उसे रास आता नहीं दिख रहा है। संगरूर उपचुनाव में उसने बलवंत सिंह राजाओणा की बहन को मैदान में उतारने का उसका कदम भी काम नहीं आया। इस उपचुनाव में पार्टी को पांचवां स्‍थान मिला और पार्टी प्रत्‍याशी की जमानत भी जब्‍त हो गई। 

दूसरी ओर, कहा जा रहा है कि कोर कमेटी की बैठक में मुख्‍य एजेंडा यह है कि राष्‍ट्रपति चुनाव में शिअद यह तय करेगा कि राजग उम्‍मीदवार द्राेपदी मुर्मु को समर्थन दिया जाए या विपक्ष के उम्‍मीदवार यशवंत सिन्‍हा को।         


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.