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शिअद ने पंजाब में श्री अकाल तख्‍त साहिब सहित तीन तख्‍तों से शुरू किया किसान मोर्चा

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने आज कृषि कानूनों के खिलाफ तीन पवित्र तख्‍तों से किसान मार्च शुरू किया। पार्टी ने अमृतसर में श्री अकाल तख्‍त साहिब श्री तलवंडी साहिब में तख्त श्री दमदमा साहिब और आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केसगढ़ साहिब से किसान मार्च शुरू किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 10:56 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 10:56 AM (IST)
शिअद ने पंजाब में श्री अकाल तख्‍त साहिब सहित तीन तख्‍तों से शुरू किया किसान मोर्चा
अमृतसर में किसान मार्च के दौरान सुखबीर सिंह बादल व शिअद नेता।

चंडीगढ़/अमृतसर, जेएनएन। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी से नाता तोडऩे के बाद नए कृषि कानूनों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल किसानों के पक्ष में खुलकर सड़कों पर उतर गया है। पार्टी ने आज पंजाब में स्थित तीन तख्तों से किसान मार्च शुरू किया। पार्टी के प्रधान के नेतृत्‍व में अमृतसर में श्री श्री अकाल तख्त साहिब से शिअद का किसान मार्च शुरू हुआ। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल तलवंडी साबो में तख्त श्री दमदमा साहिब और पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केसगढ़ साहिब से शुरू हुए किसान मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

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अमृतसर और तलवंडी साबो से शिअद का किसान मार्च सुबह आठ बजे शुरू हुआ। आनंदपुर साहिब से किसान मार्च की शुरुआत सुबह 10 बजे हुई। पार्टी नेताओं का दावा है कि किसान मार्च में 40,000 वाहन शामिल होंगे। पार्टी पहली बार किसान मार्च में बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर अपनी ताकत दिखाई दिखाना चाहती है।

 अमृतसर में किसान मार्च के दौरान सुखबीर सिंह बादल व शिअद नेता।

अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब और श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेक कर किसान मार्च की शुरुआत की। किसान मार्च अमृतसर से  अलग-अलग शहरों से होता हुआ चंडीगढ़ पहुंचेगा। वहां शिरोमणि अकाली के नेता पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपेंगे।

शिअद नेताओं ने बताया कि ज्ञापन में मांग की जाएगी के राज्‍यसभा और लोकसभा का सत्र दोबारा बुलाया जाए और तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद किया जाए। श्री दरबार साहिब में माथा टेकने के बाद मीडिया से बातचीत में सुखबीर बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का इतिहास रहा है कि जब भी किसानों के अधिकारों के ऊपर हमला हुआ है उसने किसान आंदोलन का नेतृत्व किया है। अब भी किसानों और उनके भविष्य पर हमला हुआ है। इसके कारण शिरोमणि अकाली दल ने केंद्र सरकार से त्यागपत्र देकर किसानों के साथ खड़े होने को प्राथमिकता दी है।

उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल की ओर से सरकार को पहले ही लिख कर दिया गया था कि कानून में किसानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए भाजपा सरकार ने इस का वादा भी किया था, लेकिन जब वादा पूरा नहीं हुआ और कानून में किसानों के हितों की रक्षा नहीं हुई तो शिअद ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से खुद को अलग कर लिया और भाजपा के साथ अपना राजनीतिक गठजोड़ भी तोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब और किसानों के साथ है और उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा अग्रणी रहेगा।  उन्होंने सभी किसान संगठनों से अपील की कि वे एक मंच पर आकर यह लड़ाई लड़ें। संघर्ष का नेतृत्व किसान करें और शिरोमणि अकाली दल उनके पीछे चलने को तैयार है।


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