सड़कें ज्यादा चलें इसलिए एमसी का एनआइटीटीटीआर से एमओयू
शहर की सड़कों पर नगर निगम ने सेक्टर-26 की एनआइटीटीटीआर के साथ एमओयू साइन।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर की सड़कों पर नगर निगम ने सेक्टर-26 की एनआइटीटीटीआर (नेशनल इस्टीट्युट ऑफ टेक्निकल टीचर ट्रेनिग एंड रिसर्च) के साथ मंगलवार को एमओयू साइन कर लिया है। अब एनआइटीटीआर नगर निगम के लिए शहर की सड़कों की वर्तमान हालत पर और टेक्निकल सर्वे करके रिव्यू प्लान तैयार करेगी। इंजीनियर्स के अनुसार अब सड़कों की निर्माण सामग्री की क्वालिटी पर यह संस्था चेक करेगी और जिस सड़क की कारपेटिग होनी है, उसकी रिपोर्ट तैयार करके बताएगी कि कितनी लेयर डालनी चाहिए। कारपेटिग के समय ठेकेदार का जॉब वर्क भी तैयार करेगी। शहर की सड़कों का डाटा बैंक भी एनआइटीटीटीआर ही तैयार करेगी। नगर निगम ने मंगलवार को 30 साल के लिए एमओयू किया है। इस मौके पर मेयर राजेश कालिया, चीफ इंजीनियर शेलेंद्र सिंह, सुपरिटेंडेट इंजीनियर संजय अरोड़ा और एनआइटीटीटीआर निदेशक डॉ. एसएस पटनायक भी उपस्थित थे। इसके साथ ही एनआइटीटीटीआर यह भी बताएगी कि अगर कोई सड़क पांच साल से पहले टूट जाती है तो उसे ठीक करने के लिए क्या-क्या करना है। नगर निगम के अनुसार अब शहर की सड़कों की हालत सुधारने में काफी मद मिली। 30 साल से ज्यादा भी बढ़ सकता है एमओयू
उस समय के नियम एवं शर्तो के हिसाब से एमओयू का कार्यकाल 30 साल से ज्यादा बढ़ भी सकता है। इसके लिए नगर निगम की ओर से काम वाइज शुल्क भी अदा किया जाएगा। मालूम हो कि इस समय कई सड़कें पांच साल से पहले भी टूट जाती हैं। ऐसे में अब एनआइटीटीटीआर चेक करेगी। नगर निगम कमिश्नर केके यादव ने अब यह भी तय कर दिया है कि पांच साल से पहले अगर सड़क टूटती है तो इंजीनियर्स पर कार्रवाई की जाएगी। चीफ इंजीनियर शेलेंद्र सिंह का कहना है कि शहर की सड़कों की बेहतरी के लिए एमओयू साइन किया गया है।