पंजाब में सड़क हादसे घटे, देशभर में रैैंक में हुआ सुधार, रैंकिंग में पड़ोसी हरियाणा से भी आगे
पंजाब में सड़क हादसों में कमी आई है। राज्य मे सड़क हादसों में मौतें भी घटी हैं। देशभर में सड़क हादसों को लेकर पंजाब की रैंकिंग में पहले से सुधार हुआ। इसके साथ ही राज्य पड़ोसी हरियाणा से आगे है।
चंडीगढ़, [ कैलाश नाथ]। पंजाब में अब सड़कें खून से कम लाल हो रही हैं। राज्य में पहले की अपेक्षा सड़क दुर्घटनाओं और इससे मौतों में कमी आई है। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या के मामले में देशभर में पंजाब के रैैंक में सुधार हुआ है। पंजाब 14वें स्थान से 15वें स्थान पर पहुंच गया है। इसके बावजूद वह अपने पड़ोसी राज्य हरियाणा से पीछे है। इस मामले में वह पड़ोसी राज्य हरियाणा से बेहतर हालत में है। पंजाब 2019 में 4525 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई जबकि 2018 में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 4740 थी। उधर, पड़ोसी राज्य हरियाणा इस मामले में लगातार 13वें स्थान पर बना हुआ है।
14वें से 15वें रैैंक पर पहुंचा पंजाब, 591 लोगों की जिंदगी छीनी ओवर स्पीड ने
सड़क दुर्घटनाओं को लेकर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के रिसर्च विंग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि हरियाणा के मुकाबले पंजाब में रांग साइड ड्राइविंग के मामले में ज्यादा मौतें हुई हैं। यहां ऐसे 320 मामले सामने आए, जिनमें 279 लोगों की जान चली गई। जबकि हरियाणा में रांग साइड ड्राइविंग के 281 मामलों में 129 लोगों की मौत हुई।
269 लोगों की मौत ड्रंक एंड ड्राइव के कारण हुई, 279 लोगों को रांग साइड ड्राइविंग ने बनाया शिकार
एक अहम पहलू यह भी है कि पंजाब में सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 2018 में जहां 3384 लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए। वहीं 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 3,812 पर पहुंच गया। जबकि हरियाणा में 2018 में जहां 10,020 लोग घायल हुए थे और 2019 में यह संख्या कम होकर 9362 पर पहुंच गई।
3812 लोग हुए घायल, 2018 में 3384 था आंकड़ा
एडीजीपी (ट्रैफिक) शरत सत्य चौहान का कहना है कि सड़क दुर्घटना में कमी लाना बड़ी चुनौती है। 2021 लक्ष्य रांग साइड ड्राइविंग पर काबू पाना है। मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना बेहद खतरनाक है। हर स्तर पर लोगों में जागरूकता लाने के लिए काम किया जाता है लेकिन फिर भी चालक ऐसा करते हीं। अब पूरा ध्यान उन गलतियों को रोकने पर है जो बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैैं। रेड लाइट जंप, मोबाइल पर बात करते समय ड्राइविंग और रांग साइड ड्राइङ्क्षवग के खिलाफ विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पंजाब ड्रंक एंड ड्राइव में हरियाणा से आगे
ड्रंक एंड ड्राइव के मामले में पंजाब हरियाणा से आगे रहा। इस कारण हुईं 369 सड़क दुर्घटनाओं में 269 लोगों की मौत हुई। हरियाणा में 88 सड़क दुर्घटनाओं में 47 लोगों की मौत हुई।
ओवर स्पीड ने छीनी 591 लोगों की जिंदगी
ओवर स्पीड के कारण सड़क दुर्घटनाओं में पंजाब की स्थिति हरियाणा से ठीक रही। पंजाब में 905 दुर्घटनाओं में 591 लोगों की जान गई तो हरियाणा में 2643 दुर्घटनाओं में 1425 लोगों की मौत हुई।
रेड लाइट जंप, मोबाइल के इस्तेमाल बना घातक
रेड लाइट जंप करना और वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रहा है। इस कारण पंजाब में 331 लोगों की मौत हुई। रेड लाइट जंप करने के कारण 191 दुर्घटनाओं में 106 और वाहन चलाते समय मोबाइल के इस्तेमाल के कारण 356 सड़क दुर्घटनाओं में 225 लोगों की मौत हुई।