चंडीगढ़ की पार्किंग में पर्चियां काटने वाली रितु ने फिर पहने बॉक्सिंग ग्लब्स, कोच ने बनाई खास रणनीति
शहर की पार्किंग में आते -जाते वाहनों की पर्ची कटाने वाली रितु ने एक बार फिर बॉक्सिंग ग्लब्स पहन लिए हैं। रितु ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स- 56 में बॉक्सिंग की कोचिंग शुरू कर दी है। कोच भगवंत सिंह ने उनके खेल को खास रणनीति तैयार की है।
विकास शर्मा, चंडीगढ़। कभी सेक्टर- 22 की पार्किंग में आते -जाते वाहनों की पर्ची कटाने वाली रितु ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स - 56 में बॉक्सिंग की कोचिंग शुरू कर दी है। बॉक्सिंग कोच भगवंत सिंह ने बताया कि रितु ने चार से पांच साल बाद बॉक्सिंग ग्लब्स हाथों में डाले हैं। इसके अलावा उसकी फिटनेस भी बिगड़ चुकी है। फिलहाल मैंने रितु की फिटनेस पर काम शुरू कर दिया है, उसे फिट होने में चार से पांच महीने लगेंगे। इसके साथ उसे बॉक्सिंग का बेसिक सिखाया जा रहा है। उसे डाइट चार्ट बनाकर दे दिया है। फिलहाल मेरी कोशिश यही रहेगी कि रितु जल्द से जल्द फिट हो, उसके बाद उसकी बॉक्सिंग की तैयारी शुरू होगी।
बता दें कि रितु सेक्टर - 22 की पार्किंग में आते -जाते वाहनों की पर्ची काटती थी, जैसे ही दैनिक जागरण ने रितु की खबर को प्रकाशित किया, उसके बाद उसकी मदद के लिए कई हाथ बढ़े।
स्कूल लेवल में बॉक्सिंग, रेसलिंग और वालीबॉल में नेशनल तक खेली है रितु
रितु ने बॉ¨क्सग, रेस¨लग और वॉलीबॉल में स्कूल नेशनल खेला है। वर्ष 2017 में रिक्शा चलाने वाले रितु के पिता बीमार पड़े, तो सारा परिवार पत्तों की तरह टूटकर सड़क पर आ गया था। चार भाई बहनों में से दो बड़े भाई बहन का स्कूल छूट गया। रितु ने पहले लेबर का काम किया और उसके बड़े भाई ने कु¨कग का। इसके बाद रितु पार्किंग में पर्ची कटाने का काम करती थी जहां से रोजाना काम के हिसाब से उसे 350 रुपये दिहाड़ी मिल जाती थी। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद पार्किंग मैनेजर ने उसे काम पर आने की छूट दे दी है और उसके खाते में हर महीने 15 हजार रुपये वेतन डालने की बात कही है।
मेहनत जारी है : रितु
रितु ने बताया कि वह बॉ¨क्सग अकादमी को ज्वाइन कर काफी खुश है। अभी कोच ने फिटनेस पर काम करने को कहा है। मेरा पूरा फोकस फिटनेस व बॉक्सिंग पर है, इसलिए मैं खूब मेहनत करूंगी। मैं मैरीकॉम को अपना आर्दश मानती हूं और मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि मैं जल्द से जल्द अपनी फिटनेस प्राप्त करूं।