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बड़ा झटकाः जीएमसीएच-32 में एमबीबीएस की 150 सीटों के लिए नहीं है जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर

मेडिकल काॅलेज में अगले सत्र से सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव था लेकिन जीएमसीएच-32 द्वारा गठित रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट ने फिलहाल सीटें बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 12:06 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 12:06 PM (IST)
बड़ा झटकाः जीएमसीएच-32 में एमबीबीएस की 150 सीटों के लिए नहीं है जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर
बड़ा झटकाः जीएमसीएच-32 में एमबीबीएस की 150 सीटों के लिए नहीं है जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर

चंडीगढ़ [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल काॅलेज एंड हास्पिटल (जीएमसीएच) में एमबीबीएस की सीटें 100 से 150 होने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। मेडिकल काॅलेज में अगले सत्र से सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव था लेकिन जीएमसीएच-32 द्वारा गठित रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट ने फिलहाल सीटें बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार रिव्यू कमेटी ने अपनी सौंपी रिपोर्ट में साफ कहा है कि मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया (एमसीआई) स्टैंडर्ड के हिसाब से जीएमसीएच-32 के पास एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के लिए जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। कमेटी ने मेडिकल काॅलेज प्रबंधन को पहले जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा करने को कहा है।

नौ सदस्यों की कमेेटी की रिपोर्ट

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एमबीबीएस सीटें बढ़ाने को लेकर एमसीआई को इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी रिपोर्ट देनी होती है, जिसके बाद एक हाईपावर कमेटी इंस्पेक्शन करती है। सूत्रों के अनुसार जीएमसीएच-32 के ही जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डाॅ.एके अत्री की अध्यक्षता में डाॅक्टरों की 9 सदस्यों की कमेटी गठित की गई। करीब तीन मीटिंग के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि एमबीबीएस सीटों को 100 से 150 करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जीएमसीएच में नहीं है। कमेटी ने रिपोर्ट में विस्तार से स्टाॅफ, इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी के बारे में बताया है।

ये बताई गई खामियां  

रिपोर्ट में बताया गया कि एमबीबीएस की 150 सीटों के लिए 200 लोगों के लिए लेक्चर थियेटर होना चाहिए, जिसकी कैपेसिटी अभी 100 है। सभी स्टूडेंट्स के लिए हाॅस्टल की सुविधा भी होनी चाहिए, लेकिन अभी 75 हाॅस्टल सीट हैं। नर्सिंग स्टाॅफ से लेकर टीचिंग स्टाॅफ भी पूरी नहीं है। 11 अतिरिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर की जरुरत बताई गई है। 5 डिप्टी नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट और 7 असिस्टेंट नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट की भी नियुक्ति करनी होगी।  

1991 में 50 सीटों से शुरु हुआ था एमबीबीएस कोर्स

जीएमसीएच-32 में 1991 में 50 सीटों के साथ एमबीबीएस कोर्स शुरु किया गया था। जिसके बाद 2017 में एमबीबीएस और पीजी कोर्स की सीटों को बढ़ाकर 100 कर दिया गया। नॉर्थ रीजन में चंडीगढ़ के मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस में दाखिला काफी मुश्किल से मिलता है। नीट एंट्रेंस से ही यहां दाखिला मिलता है। पेरेंट्स और स्टूडेंट्स काफी समय से एमबीबीएस सीटों को 150 करने की मांग कर रहे हैं। सांसद किरण खेर और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को सीटें बढ़ाने के लिए लिख चुके हैं।

19 एमबीबीएस स्टूडेंट फेल, पीयू से मांगी अनुमति

सूत्रों के अनुसार जीएमसीएच 32 से एमबीबीएस कर रहे 19 स्टूडेंट्स विभिन्न विषयों में फेल हो गए हैं। एमबीबीएस कोर्स की पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन हैं। फेल हुए छात्रों के करियर बचाने को लेकर जीएमसीएच-32 प्रबंधन ने इन स्टूडेंट्स को री-अपीयर का चांस देने के लिए पीयू प्रशासन को चिट्ठी तक लिखी है। सूत्रों के अनुसार इस मामले की फाइल फिलहाल कुलपति के पास है, जिसपर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। मामला सिंडीकेट में भी आ सकता है।

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