रिटायर्ड आइएएस कंसल्टेंट अप्वाइंट करेगा प्रशासन, पोस्ट सृजन पर उठ रहे सवाल
प्रशासन ने यूटी सेक्रेटेरिएट में कंसल्टेंट की पोस्ट निकाली है। सीनियर रिटायर्ड आइएएस ऑफिसर को इस पोस्ट पर रखा जाएगा। उसे प्रतिमाह 50 हजार रुपये सेलरी दी जाएगी। इसके लिए पर्सोनल डिपार्टमेंट ने 20 अक्टूबर तक आवेदन मांगे हैं।
चंडीगढ़, बलवान करिवाल। एक तरफ केंद्र सरकार ने नई भर्ती पर रोक लगा रखी है और बजट खर्च कम से कम करने के आदेश दे रखे हैं। वहीं, दूसरी तरफ यूटी प्रशासन रिटायर्ड आफिसर को दोबारा से नियुक्ति देने की तैयारी कर रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब ऐसा होगा। विवाद के बीच तीन दिन पहले ही प्रशासन ने एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर के लिए इंटरव्यू स्थगित किए थे, अब फिर रिटायर्ड आफिसर के लिए पोस्ट सृजित की गई है। इस पर भी विवाद होना तय है।
इस बार प्रशासन ने यूटी सेक्रेटेरिएट में कंसल्टेंट की पोस्ट निकाली है। सीनियर रिटायर्ड आइएएस ऑफिसर को इस पोस्ट पर रखा जाएगा। उसे प्रतिमाह 50 हजार रुपये सेलरी दी जाएगी। इसके लिए पर्सोनल डिपार्टमेंट ने 20 अक्टूबर तक आवेदन मांगे हैं। अभी छह महीने के लिए यह भर्ती होगी। इस आफिसर का काम चंडीगढ़ प्रशासन के इंप्लाइज के लिए रूल्स एंड रेगुलेशन फ्रेम करना होगा। दूसरे राज्यों के रूल्स एंड रेगुलेशन को देखनेे के बाद चंडीगढ़ के लिए इन्हें फ्रेम करना होगा। अभी चंडीगढ़ में पंजाब सर्विस रूल्स लागू हैं।
इंप्लाइज यूनियन करेगी विरोध
पहले भी रिटायरमेंट के बाद नियुक्ति के लिए निकाली गई एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर की पोस्ट पर विवाद हो चुका है। मामले की शिकायत प्रधानमंत्री को की जा चुकी है। इसके बाद आनन-फानन इंटरव्यू स्थगित करना पड़ा। अब फिर इंप्लाइज एसोसिएश्न प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी कर चुकी है। इंप्लाइज कोआर्डिनेशन कमेटी के कन्वीनर अश्विनी कुमार ने कहा कि कांट्रेक्चुअल इंप्लाइज का डीसी रेट अप्रैल से फ्रीज कर रखा है। उन्हें पहले ही वेतन काफी कम मिलता है। इसे देने के लिए प्रशासन के पास पैसे नहीं हैं।
बजट खर्च भी सीमित है। बावजूद इसके रिटायर्ड आफिसर को महामारी के दौर में क्यों रखा जा रहा है। ऐसी क्या वजह है कि एक के बाद एक ऐसी पोस्ट क्रिएट की जा रही हैं। भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी कश्मीर चंद ने कहा कि वह इसका विरोध करेंगे। प्रशासन के अधिकारियों की मंशा ठीक नहीं है। वह अपने चहेते ऑफिसर को सेट करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
केंद्र और पंजाब सर्विस रूल्स से उलझन होगी दूर
चंडीगढ़ में अभी कई रूल्स और रेगुलेशन ऐसे हैं जो केंद्र सरकार के अनुसार फॉलो किए जा रहे हैं। जबकि काफी रूल्स एंड रेगुलेशन ऐसे हैं जो पंजाब से एडाप्ट किए गए हैं। इसको लेकर लगातार उलझन की स्थिति रहती है। पिछले दिनों केंद्र सरकार के सर्विस रूल्स ही लागू किए जाने की चर्चा चली थी। हालांकि बाद में ऐसा नहीं हो सका। अब दोबारा से कंसल्टेंट अप्वाइंट कर अलग-अलग राज्यों के रूल्स एंड रेगुलेशन स्टडी कर रिपोर्ट तैयार होगी।
फिर जो जहां बेहतर होगा उस पर कंसल्टेंट अपनी रिपोर्ट प्रशासन को देगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन यूटी के नियमों में बदलाव करेगा। हालांकि पंजाब सरकार को यूटी का यह फैसला मंजूर होगा ऐसी कम ही संभावना है।