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सोशल अॉडिट में पटवारियों का कारनामा, कर्ज माफी योजना से हटा दिए 22 हजार किसानों के नाम

सोशल ऑडिट में 22,417 किसानों का नाम आने पर पटवारियों ने उनको सूची से हटा दिया। बाद में इसे एसडीएम के जरिए वेरिफाई किया गया तो इनमें ज्यादातर केस सही पाए गए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 01:18 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 02:45 PM (IST)
सोशल अॉडिट में पटवारियों का कारनामा, कर्ज माफी योजना से हटा दिए 22 हजार किसानों के नाम
सोशल अॉडिट में पटवारियों का कारनामा, कर्ज माफी योजना से हटा दिए 22 हजार किसानों के नाम

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। किसानों को दो लाख रुपये तक की कर्ज माफी योजना को लेकर परेशान किया जा रहा है। सोशल ऑडिट में 22,417 किसानों का नाम आने पर पटवारियों ने उनको सूची से हटा दिया। बाद में इस योजना में नोडल खेती विभाग ने इसे एसडीएम के जरिए वेरिफाई किया तो इनमें ज्यादातर केस सही पाए गए।

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विभागीय सूत्रों का कहना है कि 22,417 किसानों में से 18 हजार पर फैसला हो चुका है, केवल 4 हजार के लगभग किसानों के नाम अभी भी इस सूची से बाहर हैं। इन्हें वेरिफाई किया जा रहा है। यह मामला स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की मीटिंग में भी उठा, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई सीनियर अधिकारी इस पर स्पष्टीकरण देने के लिए मौजूद नहीं था।

कॉमर्शियल बैंकों के नुमाइंदों ने इस बात पर ऐतराज जताया कि इस योजना के लटके होने के कारण बैंकों की रिकवरी प्रभावित हो रही है। पिछले एक साल में एग्रीकल्चर सेक्टर का एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) 2.60 फीसद से बढ़कर 3.47 फीसद हो गया है, जबकि खेतीबाड़ी सेक्टर का कुल एनपीए 11.20 फीसद का आंकड़ा पार कर गया है। पिछले साल यह 7.19 फीसद था। हालांकि भारत सरकार के वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खेती का एनपीए सरकार की चिंता का विषय नहीं है बल्कि कार्र्पोरेट सेक्टर का एनपीए चिंतनीय है।

कॉमर्शियल बैंकों से लोन लेने वालों को राहत मिलनी शुरू

कॉमर्शियल बैंकों से जिन सीमांत किसानों ने कर्ज लिए हैं उन्हें भी कर्ज राहत प्रदान होनी शुरू हो गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि 1.42 लाख किसानों को 551 करोड़ रुपये का कर्ज बांट दिया गया है, लेकिन सभी किसानों को कर्ज राहत प्रदान करने के लिए सरकार को अभी भी 819 करोड़ रुपये की जरूरत है। सरकार मंडी बोर्ड के जरिये यह राशि जुटाएगी। सीमांत किसानों के बाद छोटे किसानों को कर्ज राहत प्रदान की जाएगी। बैंकों ने जो सूचियां तैयार की हैं उसके अनुसार ऐसे 2 लाख 11 हजार 739 किसान हैं।

आरबीआइ ने बैंकों को लगाई फटकार

स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की मीटिंग में विभिन्न योजनाओं का आंकड़ा और आ रही दिक्कतों संबंधी पूरी तैयारी न करके आने वाले बैंकों के अधिकारियों को आरबीआइ और वित्त विभाग ने कड़ी फटकार लगाई। पंजाब सरकार के कई विभागों के अधिकारी तो मीटिंग से गैरहाजिर ही रहे। यही हाल बैंकों का था तो एसएलबीसी के जनरल मैनेजर पीके आनंद ने कोटक महिंद्रा बैंक को नोटिस जारी करने का आदेश दे दिया। प्राइवेट बैंकों की ओर से योजनाओं में दिखाई जा रही सुस्ती को लेकर भी वित्त विभाग की स्पेशल सेक्रेटरी गरिमा सिंह ने नाराजगी व्यक्त की।

सरकार दिक्कतें दूर करे : दीक्षित

आरबीआइ के डिप्टी जनरल मैनेजर रचना दीक्षित ने सरकार से कर्ज राहत योजना के बारे में आ रही दिक्ततों को दूर करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इससे दूसरे बैंकों को रिकवरी करने में मुश्किल आ रही है।

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