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ऐसे थे लाला लाजपतराय, शहादत के बाद क्रांतिकारियों का खौल उठा था खून

28 जनवरी, 1865 को पंजाब के मोगा जिले में जन्मे लाला लाजपत राय ने बड़े होकर स्वतंत्रता आंदोलन में कई बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 05:31 PM (IST)
ऐसे थे लाला लाजपतराय, शहादत के बाद क्रांतिकारियों का खौल उठा था खून
ऐसे थे लाला लाजपतराय, शहादत के बाद क्रांतिकारियों का खौल उठा था खून

जेएनएन, चंडीगढ़। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में लाला लाजपतराय का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 28 जनवरी, 1865 को पंजाब के मोगा जिले में जन्मे लाला लाजपत राय ने बड़े होकर स्वतंत्रता आंदोलन में कई बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया। 3 फरवरी 1928 को जब साइमन कमीशन भारत आया था तो उसके विरोध में पूरे देश में आग भड़की थी। लाला लाजपतराय ने इसके विरोध में लाहौर में आयोजित बड़े आंदोलन का नेतृत्व किया और अंग्रेजी की हुकूमत को हिला दिला। इस आंदोलन में अंग्रेजों ने जनता पर लाठियां बरसाई। लाठियों के वार के कारण लाला लाजपतराय 17 नवंबर 1928 को शहीद हो गए थे।

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लाला जी की मृत्यु से सारा देश उत्तेजित हो उठा और चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लालाजी की मौत का बदला लेने का निर्णय किया। इन जांबाज देशभक्तों ने लालाजी की मौत के ठीक एक महीने बाद अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली और 17 दिसम्बर 1928 को ब्रिटिश पुलिस के अफ़सर सांडर्स को गोली से उड़ा दिया।

‘अंग्रेजों वापस जाओ’ का नारा दिया

साइमन कमीशन का विरोध करते हुए लालाजी ने ‘अंग्रेजों वापस जाओ’ का नारा दिया और कमीशन का डटकर विरोध जताया। इसके जवाब में अंग्रेजों ने उन पर लाठीचार्ज किया पर लाला जी पर आजादी का जुनून सवार था। लालाजी ने अपने अंतिम भाषण में कहा कि ‘मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश साम्राज्य के कफन की कील बनेगी’।

बिट्रिश शासन से मुक्त होने का मार्ग प्रशस्त हुआ

लाला लाजपतराय के प्रयासों से बिट्रिश शासन से मुक्त होने का मार्ग प्रशस्त हुआ। लाला लाजपतराय के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन पंजाब में पूरी तरह से सफल रहा, जिस कारण लाला लाजपतराय को पंजाब का शेर व पंजाब केसरी के नाम से पुकारा जाने लगा। लाला लाजपत राय युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे। उनसे प्रेरित होकर ही भगत सिंह, उधम सिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि देशभक्तों ने अंग्रेजों से लोहा लिया था।

गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक

लाला लाजपत राय ने पंजाब में पंजाब नेशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कंपनी की स्थापना भी की थी। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के मोगा जिले में हुआ था। उन्होंने कुछ समय हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरों में वकालत की।

आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया

लाला लाजपत राय ने स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया। लाला हंसराज के साथ दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालयों का प्रसार किया, लोग जिन्हें आजकल डीएवी स्कूल्स व कालेज के नाम से जाना जाता है। लालाजी ने अनेक स्थानों पर अकाल में शिविर लगाकर लोगों की सेवा भी की थी।

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