Live-in Relationship में रहने वाले पंजाब के प्रेमी जोड़े को सुप्रीम कोर्ट से राहत, सुरक्षा देने के आदेश
पंजाब के तरनतारन में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे एक प्रेमी जोड़े को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं। इससे पहले हाई कोर्ट ने उनकी सुरक्षा देने की मांग खारिज कर दी थी।
चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) में रहने वाले एक प्रेमी जोड़े को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुरक्षा देने से इन्कार करते हुए उनकी सुरक्षा की मांग खारिज कर दी थी, प्रेमी जोड़े ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नवीन सिन्हा आधारित बेंच ने तरनतारन के एसएसपी को प्रेमी जोड़े की सुरक्षा पर कार्रवाई करने का आदेश दिया।
11 मई को इस प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की मांग पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वह किसी भी तरह के अनैतिक रिश्ते पर अपनी सहमति की मुहर नहीं लगा सकता। हाई कोर्ट के जस्टिस एचएस मदान ने यह टिप्पणी प्रेमी जोड़े जिसमें लड़की उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले व लड़का पंजाब के तरनतारन जिले से है द्वारा सुरक्षा की मांग को खारिज करते हुए की थी।
याचिकाकर्ता लड़की और लड़के द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि वर्तमान में वे एक साथ रह रहे हैं और वे जल्द ही शादी करने का इरादा रखते हैं। कोर्ट को बताया गया कि लड़की का परिवार अपनी बेटी की शादी अपनी पसंद के लड़के से करना चाहता था, लेकिन दोनों याचिकाकर्ता एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए और आखिरकार लिव-इन रिलेशनशिप में साथ रहने का फैसला किया। जब उसने लड़के के साथ रहने की इच्छा व्यक्त की तो परिवार ने अनुरोध को ठुकरा दिया, क्योंकि वह उनकी पसंद का नहीं है और दूसरी जाति का है।
इस प्रकार, लड़की के पास लड़के के साथ रहने के लिए घर छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था और ऐसी स्थिति में, संबंधित पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे व्यक्ति जो अपनी मर्जी से इस तरह के लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं, उन्हें परेशान न किया जाए। लड़की के अनुसार उसका प्रेमी बढ़ई का काम करता है और मासिक 15,000 रुपये कमाता है। मामले में लड़की ने तर्क दिया कि उसे आशंका है कि उसके परिवार के सदस्य उसके प्रेमी को झूठे आपराधिक मामलों में फंसाने का कारण बन सकते हैं। घरवालों के डर से वो तरनतारन में रह रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा के लिए तरनतारन के एसएसपी से सुरक्षा की मांग को लेकर मांग पत्र दिया था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
याची की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में याचिकाकर्ता सुरक्षा मांगने के नाम पर अपने अनैतिक रिश्ते जिसे सामाजिक व नैतिक तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता पर हाई कोर्ट की मुहर लगवाना चाहता है। इसलिए हाई कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिका में कोई सुरक्षा आदेश नहीं दे सकता। हाई कोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले प्रेमी जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी।