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आतंकवादियों की गोलियों का निशाना बने कश्मीर के आर्मी ऑफिसर उमर पर लिखी किताब का विमोचन

पटियाला की लेखिका भावना अरोड़ा की नई किताब अनडॉउन्टेड लेफ्टिनेंट उमर फैयाज ऑफ कश्मीर’ का वीरवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में विमोचन किया गया।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 03:08 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 11:33 AM (IST)
आतंकवादियों की गोलियों का निशाना बने कश्मीर के आर्मी ऑफिसर उमर पर लिखी किताब का विमोचन
आतंकवादियों की गोलियों का निशाना बने कश्मीर के आर्मी ऑफिसर उमर पर लिखी किताब का विमोचन

जेएनएन, चंडीगढ़: पटियाला की लेखिका भावना अरोड़ा की नई किताब 'अनडॉउन्टेड लेफ्टिनेंट उमर फैयाज ऑफ कश्मीर’ का वीरवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में विमोचन किया गया। 'अनडॉउन्टेड’ कश्मीर के युवा आर्मी ऑफिसर लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के असाधारण जीवन की कहानी है, जिन्हें मई, 2017 में दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों ने उस समय अपहरण कर मार डाला था, जहां वह एक रिश्तेदार के शादी समारोह में शामिल होने गए थे।

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जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले से संबंधित फैयाज जम्मू में अखनूर इलाके में तैनात थे। उन्हें उनकी हत्या से सिर्फ पांच महीने पहले ही दिसंबर 2016 में सेना में सबसे पुरानी राइफल रेजिमेंट, राजपूताना राइफल्स की दूसरी बटालियन में तैनाती दी गई थी। उनकी मृत्यु ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया, और एक युवा सैनिक की स्मृति को उनके जहन में अमिट कर अमर बना दिया। अपने संक्षिप्त, प्रेरणादायक जीवन में, उमर ने एक उदाहरण स्थापित करने और साथी कश्मीरियों को हिंसा के चक्रव्यूह से बाहर निकल कर सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उनके साथी कश्मीरी राज्य में अशांति से लगातार प्रभावित हो रहे थे और उमर ने उन्हें एक नई राह दिखाई। 

खतरों के बावजूद सेना की वर्दी पहनने की हिम्मत दिखाई

यह किताब राष्ट्रीय शहीद की याद में एक श्रद्धांजलि है, जिसने संभावित खतरों के बावजूद सेना की वर्दी पहनने की हिम्मत दिखाई। 'अनडॉउन्टेड’ के लिए भावना ने दो साल तक गहन रिसर्च की, जिसमें करीब 6 महीने तक कश्मीर घाटी के विभिन्न इलाकों, आइएमए, एनडीए, एमएचओडब्ल्यू, देवलाली और अखनूर की यात्राएं शामिल हैं।ये शीर्षक भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के लिए एकदम सटीक है। हालांकि, हम सर्वसम्मति से सहमत थे कि उनकी कश्मीरी पहचान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, क्योंकि उनका भारतीय सेना से होने को लेकर कभी किसी को कोई संशय नहीं था। यह धारा के विपरीत बहने और कुछ ऐसा करने की कोशिश करता है जो एक तय रूझान नहीं है। लेफ्टिनेंट उमर फैयाज ने ठीक यही किया और हमने उसी को सब के सामने रखा है।

भावना ने यह भी घोषणा की कि किताब से प्राप्त रॉयल्टी का उपयोग फैयाज के नाम पर एक वार्षिक स्कॉलरशिप के लिए किया जाएगा। इस फंड से उस हाईस्कूल के स्टूडेंट्स को लाभान्वित किया जाएगा, जिसमें उसने पढ़ाई की। स्कॉलरशिप के अलावा, एक रोलिंग ट्रॉफी भी होगी। और, इस राशि से अर्जित ब्याज, आने वाले सालों में स्कॉलरशिप के लिए फंडिंग देता रहेगा। उमर ने अपनी स्कूली शिक्षा, कक्षा 5-12 से, जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), अनंतनाग में प्राप्त की है। 

उमर ने वास्तविक अर्थों में 'कश्मीरियत’ को जिया 

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने किताब की प्रस्तावना में लिखा है कि ''उमर ने वास्तविक अर्थों में 'कश्मीरियत’ को जिया है और उन्हें इतिहास में एक ऐसे नायक के रूप में जाना जाएगा, जिसने सभी बाधाओं को पार जाकर और सभी तरह के विरोध के खिलाफ जाकर राष्ट्र की सेवा करने का विकल्प चुना।’

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