Move to Jagran APP

प्रशांत किशोर की पंजाब में री-एंट्री से कांग्रेस में मच सकता है घमासान, नेताओं की हलचल शुरू

राजनीतिक रएानीतिकार प्रशांत किशोर की पंजाब में री-एंट्री से राज्‍य के कांग्रेस नेताओं में खलबली मच गई है। पीके (प्रशोत किशोर) को कैप्‍टन अमरिंदर सिंह द्वारा अपना राजन‍ीतिक सलाहकार बनाने के बाद पंजाब कांग्रेस में घमासान के आसार पैदा हो गए हैं।

By Sunil kumar jhaEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 06:09 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 07:47 AM (IST)
प्रशांत किशोर की पंजाब में री-एंट्री से कांग्रेस में मच सकता है घमासान, नेताओं की हलचल शुरू
प्रशांत किशोर और पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की री-एंट्री हो गई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा उन्हें अपना प्रधान सलाहकार बनाकर कैबिनेट रैंक देने से पंजाब कांग्रेस में हलचल है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से पंजाब कांग्रेस में घमासान सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पूरे मामले में कांग्रेस के कैप्‍टन अमरिंदर सिंह विरोधी नेता इंतजार कर रहे है कि पार्टी हाईकमान का क्या रुख रहता है। 2017 में भले ही प्रशांत किशोर ने कैप्टन को ब्रांड के रूप में उभारा था लेकिन इसमें कांग्रेस दिखाई नहीं दे रही थी। इसकी वजह से पार्टी के कई नेता नाराज भी थे। कमोवेश वही स्थिति अभी से बननी शुरू हो गई है।

loksabha election banner

पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की नजरें हाईकमान पर टिकी, केंद्रीय नेतृत्‍व के रुख के बाद आएंगे सामने

कांग्रेस की विरोधी पार्टियों ने भले ही प्रशांत किशोर की नियुक्ति का विरोध करना शुरू कर दिया है लेकिन उन्हें पता है कि कैप्‍टन इस पर कदम पीछे नहीं करेंगे। पीके (प्रशांत किशोर) हमेशा ही व्यक्ति विशेष को ब्रैंड के रूप में उभारते है। फिर चाहे 2014 में नरेंद्र मोदी हो या 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह या फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार। इन सभी को पीके ने ब्रैंड बनाकर पेश किया।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पीके की रणनीति का सबसे बड़ा हिस्सा ही वन-टू-वन चुनाव मुकाबला करना है। 2017 में पीके ने कैप्टन को एक मार्डनाइज व कुशल प्रशासक के रूप में पेश किया था। शिरोमणि अकाली दल बेअदबी कांड में घिरी हुई थी, जिस कारण उन्होंने सामने तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को पूरे कंपेन के दौरान कमतर ही आंका गया। इसका परिणाम भी अच्छा रहा। कांग्रेस पहली बार 77 सीटें जीतकर सरकार बनाने में कामयाब रही।

राजनीतिक विश्‍लेषकों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की भी रणनीति कमोवेश ऐसी ही रहती है। भाजपा जहां पर भी चुनाव लड़ती है वहां वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे करती है। इस चेहरे के सामने बाकी फीके पड़ जाते है। पीके की रणनीति भी कमोवेश वह ही है। कैप्टन को पता है कि भले ही आज पंजाब में भाजपा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है लेकिन 2022 तक बहुत कुछ बदल सकता है।

2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भले ही पीके पर पुनः दांव खेला हो लेकिन इस बार स्थिति उतनी अनुकूल नहीं मानी जाती है, जितनी की 2017 में थी। उस समय कांग्रेस को दस साल का सूखा खत्म करना था। इसलिए सारी पार्टी कमोवेश एक ही प्लेटफार्म पर खड़ी थी। लेकिन, 2022 में स्थिति वैसी होने की संभावना नहीं दिख रही है।

बताया जाता है कि राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने कमर कसनी शुरू कर दी है। हालांकि वह भ अन्‍श्‍ नेताओं की तरह पार्टी हाईकमान के रुख का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, पार्टी में बड़े स्तर पर एसे नेता है जोकि 2017 में भी पीके से नाराज थे और आज भी हैं। माना जाता है कि 2017 में कांग्रेस ने किसान कर्ज माफी, घर-घर रोजगार, बेरोजगारी भत्ता, स्मार्ट फोन जैसे बड़े-बड़े वायदे किए थे, उसके पीछे भी पीके थे। सरकार तो बन गई लेकिन वायदे कांग्रेस के गले की फांस बने हुए है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते है, काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। लोग हर बार विश्वास करेंगे यह संभव नहीं है।

बता दें कि कांग्रेस के विधायक पद्मश्री परगट सिंह पहले ही यह कह चुके है कि 2022 में कांग्रेस को वोट डालने से पहले लोग एक बार जरूर सोचेंगे। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने भी इन्ही सारी संभावनाओं को देखते हुए पीके को अपना प्रधान सलाहकार लगाया है, ताकि समय रहते हुए पार्टी में नाराजगी व भावनाओं का भी पता चल जाए। क्योंकि अगर चुनाव के करीब आकर घमासान मचता है तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो सकता है।  

यह भी पढ़ें: कोरोना ने बिगाड़ा खेल... मोहाली से छिना IPL, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले- फैसले पर पुनर्विचार करे BCCI

यह भी पढ़ें: कपूरथला के RCF में बने ट्रेन के एसी थ्री टियर इकॉनमी कोच का सफल ट्रायल, 180 KM की स्पीड़ से दौड़ा


हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.