चार हजार रिश्वत मामले में राजीव जस्सी दोषी करार, चंडीगढ़ जिला अदालत 15 मार्च को सुनाएगी सजा
चार हजार रुपये रिश्वत मामले में पकड़े गए डिस्ट्रिक्ट जेल रोपड़ के मेडिकल ऑफिसर राजीव जस्सी को सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। अब 15 मार्च को उसे सजा सुनाई जाएगी। राजीव को सीबीआइ ने ट्रैप लगाकर रिश्वत लेते पकड़ा था।
चंडीगढ़, जेएनएन। डिस्ट्रिक्ट जेल रोपड़ के मेडिकल ऑफिसर राजीव जस्सी को चार हजार रुपये रिश्वत मामले में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। अब राजीव जस्सी को 15 मार्च को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में एक कैब ड्राइवर सतनाम के खिलाफ भी सीबीआइ ने केस दर्ज किया था, लेकिन उसके खिलाफ लगे आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो सके। कोर्ट ने सतनाम को बरी कर दिया।
राजीव जस्सी को सीबीआइ ने डॉली रानी की शिकायत पर छह साल पहले रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। राजीव के खिलाफ कोर्ट ने 2015 में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7, 13(1)(डी),13(2) के तहत चार्ज फ्रेम किए गए थे। इसके साथ ही मामले में अभी तक फैसला न होने की वजह शिकायतकर्ता का कोर्ट में पेश न होना भी है।
शिकायतकर्ता डॉली भी कोर्ट में गवाही देने नहीं आ रही थी। उसे कई बार समन भेजे लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुई। दिसंबर 2020 को कोर्ट ने उसे भगोड़ा करार दे दिया था। उसके खिलाफ कोर्ट में पेश न होने पर आइपीसी की धारा 174ए का केस भी दर्ज हो गया था। पिछले महीने सीबीआइ ने गुप्त सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया था।
पैसों के बदले राजीव जस्सी ने की थी वॉटर प्यूरीफायर की मांग
डॉली रानी ने सीबीआइ को दी शिकायत में बताया था कि उनका बेटा किसी केस में रोपड़ जेल में बंद था। वहां से उसे इलाज के लिए पीजीआइ रेफर करना था। डॉली का आरोप था कि उसके बेटे को पीजीआइ रेफर करने के एवज में राजीव ने उससे रिश्वत की मांग की थी। पहले राजीव ने 5000 की रिश्वत मांगी थी, लेकिन बाद में सौदा 4000 में तय हो गया था। राजीव ने डाॅली को कहा था कि वह अगर 4000 रुपये नहीं दे सकती तो उसे वॉटर प्यूरीफायर ही दिला दे। इस बारे में डॉली ने सीबीआइ को शिकायत दे दी। इसके बाद सीबीआइ ने ट्रैप लगाकर राजीव को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद उस पर जिला अदालत में केस चल रहा था।