Move to Jagran APP

पंजाब में जारी रहेगा किसानों का रेल रोको आंदोलन, बंद के कारण मीटिंग में नहीं पहुंचे सात संगठन

पंजाब में किसान संगठनों का रेल रोको आंदोलन जारी रहेगा। किसान संगठनों की बैठक में इस संबंध में कोई फैसला नहीं हाे सका और पंजाब में बंद के कारण सात किसान संगठनों के प्रति‍निधि नहीं पहुंच सके। ऐसे में किसानों का रेलवे ट्रैकों पर धरना जारी रहेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 08:06 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 08:06 PM (IST)
पंजाब में जारी रहेगा किसानों का रेल रोको आंदोलन, बंद के कारण मीटिंग में नहीं पहुंचे सात संगठन
पंजाब में रेलवे ट्रैक पर धरना देते किसान।

चंडीगढ़ /बरनाला, जेएनएन। कृषि कानून के विरोध में संघर्ष की रणनीति तय करने और रेल चक्का जाम में मालगाड़ियों को छूट देने के लिए शनिवार को बरनाला में बुलाई मीटिंग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पंजाब बंद के कारण 30 में से सात संगठन गैरहाजिर रहने के चलते फिलहाल कोई भी बड़ा फैसला नहीं लिया गया। किसान संगठनों ने अब जालंधर में 13 अक्‍टूबर को बैठक बुलाई है। इसके अलावा एक और मीटिंग 15 अक्टूबर को चंडीगढ़ में भी रखी गई है। इसमें रेल रोको संबंधी कोई बड़ा फैसला हो सकता है।

loksabha election banner

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव ओंकार सिंह ने कहा कि सात संगठनों के प्रतिनिधि आज की बैठक में शामिल नहीं हो सके, इसलिए हमने रेल रोको आंदोलन के बारे में कोई भी फैसला नहीं किया। 13 अक्टूबर को जालंधर में एक बार फिर से संघर्ष की नई रणनीति तय करने के लिए मीटिंग बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि जब तक कोई फैसला नहीं होता किसान संगठनों द्वारा सड़क, टोल प्लाजा, रेलवे ट्रैक से लेकर पैट्रोल पंपों पर धरना जारी रहेगा।

क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के प्रधान डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के संघर्ष के आगे बेबस हो गई है। अब सरकार किसानों को पंजाब में बिजली संकट व कोयला खत्म की सियासत खेल रही है। बिजली संकट को लेकर किसानों का संघर्ष दबाने की कोशिश में लगी सरकार कभी कामयाब नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि पंजाब में बिजली का कोई संकट नहीं है। अगर थोड़ा बहुत संकट है तो सरकार नेशनल ग्रिड के जरिये इस मांग को पूरा किया जा सकता है। किसानों का संघर्ष इसी प्रकार जारी रहेगा, जब तक किसानों की मांग को पूरा नहीं किया जाता। केंद्र सरकार द्वारा किसानों से बातचीत के लिए भेजे पत्र पर उन्होंने कहा कि अभी तक किसानों से कोई बातचीत नहीं की गई। पत्र में ये तक नहीं पूछा किसान किसके साथ बैठक करना चाहते है।

बैठक में ये संगठन हुए शामिल

इस अवसर पर क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के प्रधान डॉक्टर दर्शनपाल, कुल हिंद किसान सभा पंजाब के बलदेव सिंह निहालगढ़, किरती किसान यूनियन के प्रधान निरभै सिंह, कुल हिंद किसान सभा पंजाब के महा सचिव मेजर सिंह, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रधान इंद्रजीत सिंह, आजाद किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के महा सचिव निरवैल सिंह, जय किसान अंदोलन पंजाब के गुरबख्श सिंह, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रधान कंवलप्रीत सिंह माैजूद थे।

बैठक में भारतीय किसान यूनियन एकता उगरांहा के प्रधान जोगिंदर सिंह, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान सुरजीत सिंह फूल, भारतीय किसान यूनियन सिद्धुपूर के प्रधान जगजीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन कादिया के प्रधान हरमीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के प्रधान बलबीर सिंह, इंडियन फार्मर एसोसिएशन भारत के प्रधान सतनाम सिंह, भारतीय किसान मंच के प्रधान बूटा शादीपुर, लोक भलाई इंसाफ वैलफेयर सोसायटी के बलदेव सिंह, गन्न संघर्ष कमेटी दसूहा, आजाद किसान कमेटी दोआबा के हरपाल सिंह, भारतीय किसान यूनियन मान, इंटरनैशनल पंथक दल किसान विंग आदि यूनियन के नेता व प्रधान उपस्थित हुए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.