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पंजाब में लगातार बारिश से बाढ़ का खतरा, रावी सहित कई नदियों में उफान

पंजाब में कई दिनों से बारिश से मौसम सुहावना हाे गया है, लेकिन शहरों में जलभराव के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। रावी सहित कई नदियों उफान पर हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 02 Aug 2017 12:04 PM (IST)Updated: Wed, 02 Aug 2017 12:53 PM (IST)
पंजाब में लगातार बारिश से बाढ़ का खतरा, रावी सहित कई नदियों में उफान
पंजाब में लगातार बारिश से बाढ़ का खतरा, रावी सहित कई नदियों में उफान

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में चंडीगढ़ सहित कई स्‍थानों पर बुधवार को भी सुबह से बारिश हो रही है। राज्‍य में पिछले तीन दिनों में मूसलधार बारिश हुई है। इससे गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन जलभराव ने मुसीबत पैदा कर दी है और कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हाे गए हैं। राज्‍य में रावी सहित कइ्र नदियां उफान पर हैं। इससे कई जिलों में गांवों के लिए खतरा पैदा हो गया है। सरकार ने एहतियात के तौर पर अलर्ट जारी कर दिया है।

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जालंधर में भी दो दिनों से बारिश हाे रही है। लुधियाना, कपूरथला, मोगा, बठिंडा में भी तेज बारिश हुई है। पठानकोट जिले के बमियाल क्षेत्र में जहां गुज्जरों के डेरों में पानी घुस गया। रावी दरिया का जलस्तर बढ़ने से दरिया के साथ लगते गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जलस्तर बढ़ता देख मंगलवार को पाकिस्तान की तरफ भी पानी छोड़ा गया। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है।

पठानकोट जिले के गांव बहादुरपुर में रावी दरिया के किनारे बसे गुज्जरों के डेरे भी पानी की चपेट में आ चुके हैं। बढ़ते जलस्तर को देख किश्ती को भी बंद कर दिया गया है। सोमवार को रावी का जलस्तर 28000 क्यूसिक रिकॉर्ड किया गया हैं। रावी के अलावा इलाके में बहता सिंगारवा दरिया भी लबालब भरा गया है।

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नरोट जैमल सिंह के निकट बने किनारों से पानी बाहर आकर सड़कों पर पहुंच गया है, जिससे लोगों को दिक्कत का सामना भी करना पड़ रहा है। लोग अभी भी जान जोखिम में डालकर वहां से आवागमन कर रहे हैं। भारी बरसात के चलते क्षेत्र की कई पुलिया भी पानी के कारण क्षतिग्रस्त हो रही हैं। सीमावर्ती एरिया में बिजली के करीब नौ खंभे गिर जाने से सीमावर्ती एरिया के लगभग सभी गांवों की बिजली सप्लाई दिनभर ठप रही। उसको फिर से सुचारू होने में दो दिन लग सकते हैं।

अमृतसर में भी रावी दरिया में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच चुका है। यहां रमदास, अजनाला, बाबा बकाला व लोपोके आदि क्षेत्र पानी के कारण प्रभावित हो सकते हैं। एसडीएम बाबा बकाला व एसडीएम अजनाला को खास ताकीद की गई है वे समय-समय पर रावी दरिया पर नजर रखें। बाढ़ कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए हैं।

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पाकिस्तान को छोड़ा 16500 क्यूसिक पानी

माधोपुर हैड वर्क्‍स से मंगलवार को फिर 16500 क्यूसिक पानी पाकिस्तान की ओर छोड़ा गया। सुबह आठ बजे 12000, 10 बजे 16000, 12 बजे 16500 क्यूसिक पानी छोड़ा या। बारिश के चलते कुछ समय के लिए माधोपुर-ब्यास ङ्क्षलक नहर में पानी बंद कर दिया गया और उसके बाद यूबीडीसी नहर में 7214, एमबी लिंक नहर में 6080, कश्मीर केनाल में 725 एवं इस्लामपुर फीडर में 100 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा था। अब रावी में पानी काफी बढ़ जाने से उसे पाकिस्तान छोड़ा गया है। संभावना जताई जा रही है कि बुधवार को भी पाकिस्‍तान की आेर पानी छोड़ा जाएगा।

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मोगा में बारिश का दस सालों का रिकॉर्ड टूटा

मोगा में लगातार सात घंटे के दौरान 75 एमएम बारिश ने जहां किसानों को बड़ी राहत दी, वहीं शहर के कई इलाकों में जलभराव ने मुसीबतें खड़ी कर दीं। मोगा-लुधियाना मेन रोड पर के साथ बनाई गई स्लिप रोड जल भराव के कारण जगह-जगह से जमीन में धंस गई,  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सर्वे अनुसार मोगा जिले में एक साल दौरान औसतन 24 बार बारिश होती है। मानसून के दौरान बीते दस सालों में कभी इतनी बारिश रिकार्ड नहीं हुई। फरीदकोट में हल्की बारिश हुई।

 


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