बालाकोट एयर स्ट्राइक पर फिर खड़े हुए सवाल
बीएस धनोआ के सामने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल खड़े कर दिए।
विकास शर्मा, चंडीगढ़ : अंडरस्टैंडिग द मैसेज ऑफ बालाकोट पैनल में हिस्सा लेने आई अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ क्रिस्टीन फेयर ने रिटायर्ड चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ के सामने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना मिग-21 से एफ-16 को उड़ाने की बात कह रही है, यह बात हजम होने के लायक नहीं है। एफ-16 की रफ्तार मिग-21 से कई गुणा ज्यादा है, इसके अलावा एफ-16 गिराने के बाबत भारत जो सुबूत दे रहा है, वह पुख्ता नहीं है। अमेरिका की अलग-अलग जांच एजेंसियों ने अपने स्तर पर जांच की लेकिन इस बाबत कोई पुख्ता जानकारी मिली। क्रिस्टीन फेयर के इस विवादित बोल से पहले भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड एयर मार्शल बीएस धनोआ और विग कमांडर समीर जोशी ने स्पेशल डिस्प्ले के साथ बालाकोट एयर स्ट्राइक होने के तमाम तरह के सुबूत दिए। गौरतलब है कि 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने अपने मिराज लड़ाकू विमानों से बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर वहां स्थित आतंकी ठिकाने को ध्वस्त कर दिया था। इसी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने 27 फरवरी को अपना एफ-16 विमान भारतीय सीमा में घुसा दिया था। जिसे भारतीय वायुसेना के विग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 से गिरा दिया था। अगले बालाकोट के लिए तैयार है एयरफोर्स
विग कमांडर समीर जोशी ने बताया कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद हमने अपनी तैयारियों को कई स्तर पर सुधारा है। अब आलम यह है कि हमारे हरेक एयरफोर्स स्टेशन से ऐसी स्ट्राइक हो सकती है। पाकिस्तान ने भी यकीनन अपनी तैयारियों को कई स्तर पर सुधारा है। एयरफोर्स के रणनीतिकार हर स्तर लगातार सुधार कर रहे हैं, अगली बार एयर स्ट्राइक होगी तो हम कोशिश करेंगे कि पुख्ता सुबूत भी लाएं। अभी डाटा लिंक्ड नहीं हैं भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट
रक्षा विशेषज्ञ प्रवीण साहनी ने बताया कि भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट अभी तक इंटर लिंक्ड नहीं हैं जबकि पाकिस्तान ने 10 से 15 साल पहले अपने फाइटर जेट को इंटर लिंक्ड कर दिया था। भारतीय सेना तभी अपनी तैयारियां करती है जब युद्ध छिड़ जाता है। आज देश की सीमाओं को कई मोर्चो पर एक साथ तैयारी करनी होगी। हमें जमीन पर, आकाश में, पानी में, साइबर युद्ध और इलेक्ट्रोनिक युद्ध की एकसाथ तैयारियां करनी होगी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की सेना ने अपना बजट बढ़ाया है, उसके सैन्य अधिकारी हथियारों के लिए दुनियाभर में लॉबिग कर रहे हैं। आज खुद को सेक्यूलर कहने वाले ही कम्यूनल हैं
मूल भारतीय संविधान में कभी भी धर्न निरपेक्षता का पहलू था ही नहीं। मेरा मानना है कि जो आज खुद को सेक्यूलर कह रहे हैं, वो खुद कम्यूनल हैं। आरएसएस के मीडिया प्रवक्ता देश रत्न निगम ने कुछ इसी अंदाज में राष्ट्रवाद पर बात की। उनके साथ सांसद महुआ मोइत्रा और सर मार्क टली भी शामिल हुए। महुआ मोइत्रा ने कहा कि देशभक्ति देश के प्रति निस्वार्थ प्रेम की भावना है जो स्वभाविक और जन्मजात होती है। हालांकि राष्ट्रवाद या चरम राष्ट्रवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसका मकसद जातिवाद और धार्मिक कट्टरता को साबित करना और किसी भी तरह की आलोचना को रद करना है। इस पर असहमति जताते हुए देश रत्न निगम ने कहा कि उनकी दी गई परिभाषाएं पश्चिमी ऑथर्स की सुझाई गई परिभाषाएं हैं। जो जाति, भाषा और धर्म पर आधारित हैं जबकि भारतीय राष्ट्रवाद का कन्सेप्ट इससे बिल्कुल अलग है। हमारे यहां किसी एक धर्म या जाति विशेष के बजाय सभी को शामिल किया गया है जिसे विविधता में एकता भी कहा गया है। सावरकर ने दी थी टू नेशन थ्योरी : मनीष तिवारी
मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन आनंदपुर साहिब से एमपी मनीष तिवारी, डॉ. गीता भट्ट और ले. जनरल जू शाह भी शामिल हुए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि उन्हें गृह मंत्री अमित शाह के इतिहास पर आधारित इस तथ्य पर बोलने नहीं दिया गया। मैं उन्हें इतिहास में ले जाना चाहता था, जिसमें वर्ष 1909 में हिदू महासभा के लीडर भाई परमानंद ने सबसे पहले देश में टू नेशन थ्योरी की बात कही थी। इसके बाद इसे 1924 में लाला लाजपत राय ने दोहराया। फिर 1930 में अल्लामा इकबाल और 1937 में सावरकर ने इसकी आवाज उठाई थी। 1940 में इसे मोहम्मद अली जिन्ना और 1943 में फिर सावरकर ने इस दोहराया और 1947 में देश का बंटवारा हो गया।