Move to Jagran APP

उठा बड़ा सवाल - हुड्डा व बादल जैसे किसानों को आयकर में छूट क्यों, इनके हैं कई धंधे

हाई कोर्ट में भूपेंद्र सिंह हुड्डा अौर प्रकाश सिंह बादल जैसे लोगों को किसान होने के नाम पर आयकर छूट को लेकर सवाल उठाए गए हैं। हाई कोर्ट ने इस पर सरकारों से जवाब मांगा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 03 Dec 2017 09:45 AM (IST)Updated: Sun, 03 Dec 2017 05:27 PM (IST)
उठा बड़ा सवाल - हुड्डा व बादल जैसे किसानों को आयकर में छूट क्यों, इनके हैं कई धंधे
उठा बड़ा सवाल - हुड्डा व बादल जैसे किसानों को आयकर में छूट क्यों, इनके हैं कई धंधे

जेएनएन, चंडीगढ़। हाई कोर्ट में हरियाणा व पंजाब के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रकाश सिंह बादल जैसे लोगों काे किसान होने के नाम पर आयकर में छूट को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई काेर्ट ने नोटिस का केंद्र व राज्‍य सरकारों द्वारा जवाब नहीं देने पर कड़ा रुख दिखाया है। हाई कोर्ट ने सरकारों को 15 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

loksabha election banner

हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर केंद्र समेत हरियाणा और पंजाब को 15 जनवरी तक देना होगा जवाब

हाई कोर्ट में दायर एक जनहित में कहा गया था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रकाश सिंह बादल जैसे लोगों काे किसान होने के नाम पर आयकर में छूट नहीं मिलनी चाहिए। ऐसे लोग जो व्यापार और उद्योगों से करोड़ों कमाते हैं, वे कृषि आय के कर मुक्त होने का फायदा उठाकर अन्य माध्यमों की आय पर भी वाजिब कर नहीं देते हैं। ऐसे करोड़पति किसानों को छूट का लाभ नहीं मिलना चाहिए।

यह भी पढ़ें: DTH छतरी हो जाएगी बीते जमाने की बात, अब आ गया माइक्रो एंटीना

जनहित याचिका में उठाए गए इन सवालों पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा व केंद्र ने जवाब तलब किया था। हालांकि किसी भी प्रतिवादी ने जवाब दायर नहीं किया और कोर्ट से समय देने की मांग की। इस पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी पक्षों को 15 जनवरी तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है। याचिका में हुड्डा, बादल के अलावा पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, मनप्रीत बादल सहित कई लोगों के नाम शामिल हैं।

एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने दायर याचिका में कहा कि किसानों को आयकर से छूट का प्रावधान गलत है। इसमेंं अधिकतम आय के बारे में कोई जिक्र नहीं है, जिसका फायदा उठाकर उद्योगपति, ट्रासपोर्टर, शराब व्यापारी आदि अन्य माध्यमों से प्राप्त आय को भी कृषि आय में दिखाकर कर की चोरी करते हैं। यह हमारे संविधान में निहित सोशलिस्ट रिपब्लिक की भावना को आहत करने वाला है।

याची ने कहा कि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन रिफॉर्म कमीशन ने सन 2014 मेंं अपनी रिपोर्ट में किसानों की 50 लाख तक की आय को करमुक्त रखने की संस्तुति की थी, लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने इनसे किनारा कर लिया। याची के मुताबिक चुनाव के समय नामांकन पत्र में दी गई जानकारियों से यह बात साबित होती है कि जो अपना बड़ा बिजनेस एंपायर रखते हैं, वे भी कृषि आय पर कर में छूट का लाभ उठा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: एनआरआइ युवती ने 42 लाख रुपये ले युवक से की शादी, 12 दिन बाद हाथ मलता रहा दूल्‍हा

याची ने हाई कोर्ट से अपील की कि जैसे पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के लिए अधिकतम आय सीमा निर्धारित की गई है, उसी प्रकार से कृषि क्षेत्र में भी प्रावधान किया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.