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पीयू के प्रो. वीआर सिन्हा होंगे नए डीयूआइ, प्रो. राजेश गिल को बनाया डीन रिसर्च

पंजाब यूनिवर्सिटी में नए डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन और डीन रिसर्च की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 07:58 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 07:58 AM (IST)
पीयू के प्रो. वीआर सिन्हा होंगे नए डीयूआइ, प्रो. राजेश गिल को बनाया डीन रिसर्च
पीयू के प्रो. वीआर सिन्हा होंगे नए डीयूआइ, प्रो. राजेश गिल को बनाया डीन रिसर्च

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में नए डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन (डीयूआइ) और डीन रिसर्च की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। पीयू प्रशासन द्वारा वरिष्ठता को ही तव्वजो देते हुए पीयू में सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर वीआर सिन्हा को डीयूआइ और प्रोफेसर राजेश गिल को डीन रिसर्च नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। दोनों की प्रोफेसर एक फरवरी से कार्यभार संभालेंगे। बीते काफी दिनों से दोनों ही पदों पर नियुक्ति को लेकर असमंजस की स्थिति चल रही थी। प्रो. वीआर सिन्हा पीयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ फार्माश्यूटिकल साइंसेज(यूआइपीएस) में प्रोफेसर और इस समय डीन रिसर्च के तौर पर नियुक्त थे। 1 मई 2020 को प्रो. सिन्हा को डीन रिसर्च नियुक्त किया गया था। वह 25 वर्षो से अधिक समय से शैक्षणिक कार्यों से जुड़े रहे हैं। इनके 100 से अधिक शोधपत्र नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं। 18 स्टूडेंट्स ने इनकी देखरेख में पीएचडी की है। नई नियुक्ति पर प्रो. सिन्हा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि उनका फोकस रहेगा कि पीयू में एकेडिमक माहौल को और बेहतर बनाया जाए। उन्होंने बताया कि अगले कुछ महीनों में पीयू कैंपस में आफलाइन स्टडी को शुरू करने पर भी फोकस रहेगा। प्रो. सिन्हा काफी शांत और मिलनसार प्रोफेसर के तौर पर जाने जाते हैं। प्रो. राजेश गिल को मिली डीन रिसर्च की जिम्मेदारी

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पंजाब यूनिवर्सिटी डीन रिसर्च की जिम्मेदारी अब प्रोफेसर राजेश गिल को दी गई हैं। प्रोफेसर गिल की गिनती पंजाब यूनिवर्सिटी के टाप शोधकर्ताओं में होती है। सोशोलाजी विभाग की प्रोफेसर राजेश गिल इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं। काफी दबंग छवि रखने वाली प्रो. राजेश गिल पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पुटा) की रिकार्ड तीन बार प्रेसिडेंट रह चुकी हैं। वह 2017 से 2019 तक लगातार पुटा प्रेसिडेंट चुनी गई। 2015 और 2019 में सिडिकेट सदस्य के अलावा प्रो. गिल 2012 से 2016 और फिर 2016 से 2020 तक लगातार आठ सालों तक सीनेट बाडी की सदस्य रही हैं। 2010 से 2013 विभागाध्य के साथ ही 2013 में डीन फैकल्टी आ‌र्ट्स भी चुनी गई थी। दैनिक जागरण से बातचीत में प्रो. गिल ने कहा कि डीन रिसर्च कार्यकाल में वह अपने अनुभवों से पंजाब यूनिवर्सिटी के लिए और बेहतर करने की कोशिश करेंगी। बीते करीब दो महीने तक कैस प्रमोशन को लेकर चले पुटा आंदोलन में भी प्रो. गिल की भूमिका काफी अहम रही है। पीयू के दोनों बड़े पदों पर बनारस का दबदबा

पंजाब यूनिवर्सिटी में दो सबसे बड़े पदों पर अब बनारस का दबदबा हो गया है। पंजाब यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राजकुमार बीएचयू (बनारस हिदू यूनिवर्सिटी) के प्रोफेसर रहे हैं। उधर पीयू में वीसी के बाद दूसरे सबसे बड़े पद डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन (डीयूआइ) प्रो. वीआर सिन्हा का भी बनारस से गहरा नाता है। प्रो. मूल रुप से बनारस के रहने वाले हैं। इनके पिता प्रोफेसर बीबी सिन्हा बीएचयू में गणित के प्रोफेसर रहे हैं।


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