कई वर्षों से स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ रही पीयू, इस बार टॉप-10 में आने की तैयारी
पीयू स्वच्छता रैंकिंग में हर बार पिछड़ती रही है। नैक की टीम ने पिछले वर्ष कैंपस का दौरा कर कई खामियां बताई थीं जिन्हें पूरा करने के लिए 2022 तक का समय भी दिया था। सभी कमियों को दूर कर पीयू अब टॉप-10 में स्थान पाने की तैयारी में है।
चंडीगढ़, (वैभव शर्मा)। पंजाब यूनिवर्सिटी विभिन्न रैकिंग में अच्छा स्थान हासिल कर रही है। अब उसका फोकस नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) द्वारा जारी होने वाली स्वच्छता रैंकिंग पर है। नैक टीम ने पिछले वर्ष कैंपस का दौरा किया था, जिसमें कई खामियां पाई गई थीं। पीयू को इन खामियों को दूर करने के लिए साल 2022 तक का समय दिया गया है।
जहां एक ओर नैक रैंकिंग में पीयू पिछड़ी है, वहीं स्वच्छता के मामले में भी पीयू कुछ बेहतर नहीं कर पाई है। लेकिन अब स्वच्छता रैंकिंग में टॉप-10 में जगह पाने के लिए पीयू ने काफी तैयारियां कर ली हैं। वैसे तो पीयू पूरे देश और विदेश में अपनी हरियाली के लिए प्रसिद्ध है बावजूद इसके स्वच्छता रैंकिंग में हमेशा निराशा ही हाथ लगी है।
गंदगी की वजह से गिरी रैंकिंग
कैंपस के स्टूडेंट्स सेंटर के अलावा ब्वॉयज हॉस्टल नंबर-6 और 7 के पास गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। इस वजह से पिछले वर्ष पीयू को रैंकिंग में काफी नुकसान उठाना पड़ा था। पिछले वर्ष स्वच्छता रैंकिंग में पीयू टॉप-10 में जगह नहीं बना सकी थी।
स्वच्छता को लेकर एक साल में हुई कई काम
स्वच्छता रैंकिंग में बेहतरीन स्थान हासिल करने के लिए एक साल के भीतर पीयू ने काफी काम किए है। पीयू के पिछडऩे का एक बड़ा कारण बायोगैस प्लांट का न होना था। लेकिन इस वर्ष पीयू ने बायोगैस प्लांट के लिए सभी कार्य पूरा कर लिया है। उसके अलावा गारबेज प्लांट से लेकर ब्यूटीफिकेशन पर भी काम किए जा रहे हैं।
बिल्डिंग पुरानी, नहीं लगी चिमनी
विभागों में भी सफाई का आलम ठीक नहीं है। हालांकि, गीले व सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग कूड़ेदान अवश्य लगाए। उसके अलावा हॉस्टल के चारों ओर फैली गंदगी की वजह से भी रैंकिंग को नुकसान पहुंचा है। सूत्रों के अनुसार पीयू के हॉस्टल्स की मेस में चिमनी लगाने का प्रपोजल था लेकिन हॉस्टल बिल्डिंग पुरानी होने की वजह से इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की गई। पीयू की स्वच्छता अभियान कोअॉर्डिनेटर प्रो. शिवानी शर्मा का कहना है कि इस वर्ष स्वच्छता रैंकिंग को लेकर कई कार्य किए गए हैं। बायोगैस प्लांट स्थापित होने से पीयू की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार होगा।