Move to Jagran APP

Khelo India 2021 में पहली बार शामिल होगा पंजाब का पारंपरिक खेल गतका, योग को भी मंजूरी

खेलो इंडिया यूथ गेम्स -2021 (Khelo India Youth Games 2021) में पहली बार पांच पारंपरिक खेलों को शामिल किया जा रहा है। इसमें पंजाब का प्रसिद्ध पारंपरिक खेल गतका को भी जगह दी गई है। वहीं योग को भी शेड्यूल में शामिल किया गया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 03:35 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 03:35 PM (IST)
Khelo India 2021 में पहली बार शामिल होगा पंजाब का पारंपरिक खेल गतका, योग को भी मंजूरी
पंजाब का पारंपरिक खेल गतका, जिसे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल किया है।

चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। खेलो इंडिया यूथ गेम्स -2021 (Khelo India Youth Games 2021) में पहली बार पांच पारंपरिक खेलों को शामिल किया जा रहा है। इन खेलों में गतका, कलारीपयट्टू, थांग-ता, मलखंभ और योग शामिल है। इनमें गतका, कलारीपयट्टू और थांग-ता पारंपरिक मार्शल आर्ट्स हैं, जबकि मलखंभ और योग फिटनेस से जुड़े हुए खेल हैं।

loksabha election banner

हरियाणा सरकार की तरफ से खेलो इंडिया के बनाए गए ओएसडी पंकज नैन ने बताया कि इन सभी खेलों के खिलाड़ियों को अन्य खेलों के खिलाड़ियों की तरह जीतने पर मेडल दिए जाएंगे और मेडल जीतने वाले खिलाड़ी भविष्य में स्पोर्ट्स कोटे से मिलने वाले लाभ भी उठा सकते हैं।

गतका

पहली बार पंजाब के पारंपरिक खेल गतका को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल किया गया। पंजाब सरकार ने इस खेल को मार्शल आर्ट्स के तौर पर मान्यता दी है। इससे पहले पंजाब यूनिवर्सिटी की इंटर कॉलेज गेम्स में भी इस टूर्नामेंट के मुकाबले आयोजित होते हैं। गतका निहंग सिख योद्धाओं की पारंपरिक युद्ध शैली है। खिलाड़ी इसका उपयोग आत्मरक्षा के साथ खेल के रूप में भी करते हैं। सिखों के धार्मिक उत्सवों में इस कला का शस्त्र संचालन प्रदर्शन किया जाता है। इंटरनेशनल गतका फेडरेशन की स्थापना 1982 में हुई थी। 

कलारीपयट्टू

कलारीपयट्टू केरल का पारंपरिक मार्शल आर्ट है। इस खेल को कलारी के रूप में भी जाना जाता है। इसमें पैर से हमला, मल्लयुद्ध औ्र पूर्व निर्धारित तरीके शामिल हैं। कलारीपयट्टू को दुनिया की सबसे पुरानी युद्ध पद्धतियों में से एक है। यह केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत पूर्वोतर देश श्रीलंका और मलेलिया के मलयाली समुदाय के बीच भी काफी लोकप्रिय है।

मलखंभ

मलखंभ भारत का एक पारंपरिक खेल है। यह दो शब्दों के मेल से बना हुआ है, मल्ल शब्द का अर्थ योद्धा और खंभ शब्द का खंभा है। इसमें खिलाड़ी लकड़ी के एक खंभे से सहारे फिटनेस से जुड़े अलग -अलग योग व करतब दिखाकर अपनी शरीरिक लचक का प्रदर्शन करता हैं। मलखंभ में बहुत कम समय में शरीर के सभी हिस्सों की करसत की जा सकती है। इस खेल को सबसे पहले मध्य प्रदेश राज्य ने साल 2013 में राज्य खेल का घोषित किया था।

थांग ता

थांग ता एक मणिपुर प्राचीन युद्धकला है। इसमें कई तरह की युद्ध शैलियां शामिल हैं। थांग शब्द का अर्थ तलवार, ता शब्द का भाला होता है। ऐसे में थांग ता खेल में तलवार, ढाल और भाले के साथ खेली जाती है। यह कला आत्मरक्षा, एवं युद्ध कला के साथ पारंपरिक लोकनृत्य के रूप में भी जानी जाती है।

योग

योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में विकसित करने के प्रयास के तहत इसे खेलो इंडिया यूथ गेम्स -2021 में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ को मान्यता मिलने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि इसे खेलो इंडिया 2021 में शामिल किया जाएगा। योग भारतीय संस्कृति की पुरातन विरासत है, योग मनुष्य के शरीर और दिमाग को लाभ पहुंचाता है। आजकल सभी खेलों के खिलाड़ी अपने प्रेक्टिस शेड्यूल में योग को जरूर शामिल करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.