Punjab Government Employees Salary: पंजाब की आर्थिक हालत खराब, सरकारी कर्मचारियों को होगी मुश्किल, वेतन में हो सकती है देरी
पंजाब की आर्थिक दशा बेहद खराब है। हालत यह हो गए हैा कि कर्मचारियों को वेतन देने में भी मुश्किलें आ रही हैं। सरकारी कर्मचारियों को वेतन मिलने में इस बार देरी हो सकती है।
चंडीगढ़, [जय सिंह छिब्बर]। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही पंजाब सरकार की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। हालत इतनी पतली हो गई है कि जरूरी बिल भी नहीं पास हो रहे हैैं। करीब पांच हजार करोड़ के बिल पेंडिंग हैैं। गंभीर आर्थिक दशा की मार अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को भुगतनी पड़ सकती है और करीब साढ़े तीन लाख मुलाजिमों को इस बार वेतन मिलने में देरी हो सकती है। सरकार का कहना है कि यह हालत केंद्र सरकार के पास लंबित जीएसटी के 4100 करोड़ रुपये नहीं मिलने के कारण पैदा हुई है।
गंभीर आर्थिक संकट में घिर चुकी है प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के पास लंबित है जीएसटी का 4100 करोड़
आमतौर पर राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों को महीने की एक या दो तारीख तक वेतन मिल जाता है। लेकिन, कुछ समय से वित्त विभाग द्वारा अलग-अलग विभागों के मुलाजिमों के वेतन क्रमश: जारी किए जा रहे हैैं। इस बार सरकार के लिए बड़ा संकट है क्योंकि केंद्र के पास जीएसटी के 4100 करोड़ रुपये लंबित हैैं। प्रदेश में वित्तीय आपातकाल जैसे हालात बने हुए हैैं।
बताया जाता है कि करीब साढ़े तीन लाख मुलाजिमों को 26,978 करोड़ रुपये सालाना अर्थात 2248 करोड़ रुपये मासिक भुगतान करना पड़ता है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यदि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की बकाया राशि नहीं दी गई तो पंजाब सरकार के मुलाजिमों का वेतन 15 दिसंबर लटक सकता है।
सब्सिडी ने बिगाड़ी खजाने की सेहत
वोट बैंक के चक्कर में प्रदेश की अलग-अलग सरकारों द्वारा विभिन्न वर्गों को सब्सिडी के रूप में विशेष रियायत देने से खजाने की सेहत बिगड़ी है। ये रियायतें ही अब भारी पड़ रही हैैं। सरकार द्वारा कृषि सेक्टर के लिए ही 8969 करोड़ रुपये, जबकि उद्योग के लिए 1513 करोड़ रुपये बिजली सब्सिडी दी जा रही है।
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केंद्र जीएसटी का बकाया शीघ्र जारी करे : जाखड़
उधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह बकाया जीएसटी के 4100 करोड़ रुपये पंजाब को शीघ्र जारी करे। केंद्र सरकार पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। अगर यह राशि शीघ्र जारी नहीं की गई तो प्रदेश कांग्रेस संसद भवन के आगे धरना देगी। उन्होंने कहा कि आज लगभग वही स्थिति है जो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान थी। तब कैप्टन अमरिंदर सिंह को बतौर मुख्यमंत्री धरना देने का फैसला लेना पड़ा था।
जाखड़ ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जल्दी में दोषपूर्ण जीएसटी लागू किया। इस टैक्स प्रणाली को इतना जटिल बना दिया कि छोटे व्यापारियों के लिए इसको समझना ही मुश्किल हो गया। केंद्र की गलत आर्थिक नीतियों के कारण आज देश के हर क्षेत्र में मंदी छाई हुई है। पंजाब में जीएसटी वसूली 44 फीसद, हिमाचल प्रदेश में 40 फीसद और हरियाणा में 24 फीसद घटी है।
जाखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकारी स्तर पर प्रधानमंत्री कार्यालय के पास यह मुद्दा उठाएंगे। कांग्रेस पार्टी भी मोदी सरकार की इस नाइंसाफी के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र में वाजपेयी सरकार के दौरान सहकारी मिलों से चीनी का स्टाक उठाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर धरना दिया था।
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