पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को आज मिलेंगे नए डीयूआइ और डीन रिसर्च
चंडीगढ़ पंजाब यूनिवर्सिटी को आज नए डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन (डीयूआइ) और डीन रिसर्च मिल जाएंगे। बीते शुक्रवार को दोनों अधिकारियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था और इस संबंध में लेटर जारी कर दिया गया था।
चंडीगढ़ [डा. सुमित सिंह श्योराण]। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को आज नए डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन (डीयूआइ) और डीन रिसर्च मिल जाएंगे। वरिष्ठता के आधार पर ही सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर वीआर सिन्हा को डीयूआइ और प्रोफेसर राजेश गिल को डीन रिसर्च नियुक्त किया गया है।
बीते शुक्रवार को दोनों अधिकारियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था और इस संबंध में लेटर जारी कर दिया गया था। आज दोनों अधिकारी अपना पदभार संभाल लेंगे। पिछले काफी दिनों से डीयूआइ और डीन पदों पर नियुक्ति को लेकर असमंजस की स्थिति चल रही थी।
प्रो.वीआर सिन्हा फार्माश्यूटिकल विभाग के प्रोफेसर
प्रो.वीआर सिन्हा पंजाब यूनिवर्सिटी मं यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ फार्माश्यूटिकल साइंसेज(यूआइपीएस) में प्रोफेसर हैं। पिछले मई से डीन रिसर्च के तौर पर कार्यरत्त हैं। उन्हें डीन रिसर्च एक मई 2020 को बनाया गया था। प्रो. सिन्हा 25 सालों से अधिक समय से टीचिंग कार्य से जुड़े हैं। अभी तक नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर इनके 100 से अधिक रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। विभाग में 18 स्टूडेंट्स इनकी गाइडेंस में पीएचडी कर है। दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि डीयूआइ का पद काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में उनका पूरा फोकस एकेडिमक पर रहेगा। टीचर्स और स्टूडेंट्स के बीच अधिक से अधिक इंट्रेक्शन बनाने पर फोकस रहेगा। स्टूडेंट्स से जुड़ी समस्याओं को तुरंत हल करने की कोशिश की जाएगी।
रिसर्च ही इंस्टीट्यूट की ग्रोथ तय करती हैः प्रो.राजेश गिल
पंजाब यूनिवर्सिटी डीन रिसर्च प्रोफेसर राजेश गिल को बनाया गया हैं। प्रोफेसर गिल पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनियर प्रोफेसर हैं। पीयू के सोशोलाजी विभाग में प्रोफेसर राजेश गिल कई महत्वपूर्ण पदों पर पदभार संभाल चुकी हैं। दबंग छवि रखने वाली प्रो.राजेश गिल पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पुटा) में तीन बार प्रेसिडेंट के तौर पर जीत हासिल कर चुकी हैं। प्रो. राजेश गिल 2017 से 2019 (लगातार रिकार्ड) तक पुटा प्रेसिडेंट चुनी गई। 2015 और 2019 में सिंडिकेट सदस्य चुने जाने के साथ ही प्रो.गिल 2012 से 2016 और फिर 2016 से 2020 तक लगातार आठ सालों तक सीनेट बाडी की सदस्य रही हैं। 2010 से 2013 विभागाध्य के साथ ही 2013 में डीन फैकल्टी आर्टस भी चुनी गई थीं।
दैनिक जागरण से बातचीत में प्रो.गिल ने कहा कि किसी भी इंस्टीट्यूट की ग्रोथ में रिसर्च का काफी अहम रोल होता है। ऐसे में उनका फोकस रिसर्च कार्यों को बेहतर करना और रिसर्च स्कालर को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि एक फरवरी से पंजाब यूनिवर्सिटी ने रिसर्च स्कालर को कोवि़ड-19 नियमों को फालो करते हुए कैंपस में शोध शुरू करने की अनुमति दे दी है। जल्द ही दूसरे स्टूडेंट्स को भी एंट्री देने पर विचार होगा।
वीसी और डीयूआइ दोनों यूपी के बनारस से
पीयू में दो सबसे बड़े पदों पर अब उत्तर प्रदेश के बनारस शहर का दबदबा हो गया है। पंजाब यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.राजकुमार बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) के प्रोफेसर रहे हैं। उधर पीयू में वीसी के बाद दूसरे सबसे बड़े पद डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन (डीयूआइ) प्रो.वीआर सिन्हा का भी बनारस से गहरा नाता है। प्रो. वीआर सिन्हा मूल रुप से बनारस के रहने वाले हैं। इनके पिता प्रोफेसर बीबी सिन्हा बीएचयू में गणित के प्रोफेसर रहे हैं। प्रो. सिन्हा के भाई बहन भी टीचिंग प्रोफेशन से जुड़े हैं।