कृषि के साथ-साथ औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरेगा पंजाब : कैप्टन
राज्य सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं और रियायतें प्रदान करेगी।
जागरण संवाददाता, मोहाली : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने कहा कि उद्योगपतियों के लिए राज्य में निवेश के लिए दरवाजे खुले हैं, जिसके लिए राज्य सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं और रियायतें प्रदान करेगी। कैप्टन सरकार के सहयोग से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित एक वर्चुअल मीट के दौरान पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों को पंजाब में निवेश करने के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है, जिसके लिए सरकार ने पंजाब निवेश योजना को एकमात्र बड़ी पहल के रूप में शुरू किया है। पंजाब कृषि के साथ एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने प्रमुख औद्योगिक संस्थाओं जैसे ऐमजॉन, कॉग्निजेंट, महिद्रा एंड महिद्रा, उबर, हिदुस्तान यूनिलीवर आदि के प्रतिनिधियों के साथ अर्थव्यवस्था को विकसित कर पुनरुत्थान के सुझाव व तरीकों पर विचार-चर्चा भी की। वहीं, मीट के दौरान देश के शीर्ष औद्योगिक दिग्गजों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की संकटपूर्ण स्थिति के कारण पूरी दुनिया के साथ-साथ पंजाब भी वित्तीय संकट का सामना कर रहा था, लेकिन हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार इस स्थिति से जल्द ही बाहर आएगी। राज्य सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए 65000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। 3100 एकड़ भूमि में चार औद्योगिक पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। जिसके विकास के लिए उन्होंने उद्योगपतियों से निवेश करने का आह्वान किया है। देश विकसित होकर आत्मनिर्भरता की ओर
सीएम ने कहा कि पिछले 40 साल की तुलना में देश विकसित होकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है और पंजाब सरकार अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के मद्देनजर ही हमें अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने उद्योगपतियों को निवेश व प्रोजेक्ट लगाने की सरल प्रक्रिया को अपनाया है, ताकि जटिल प्रक्रिया से निवेश में देरी न हो। उन्होंने इस बात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सब स्वयं ठीक हो जाएगा। हमें मानसिकता त्याग कर अपने कार्यबल के बलबूते परिवर्तन लाने के प्रयास करने होंगे। अमरिदर सिंह ने कहा कि लॉकडाउन की शुरुआत की तुलना में पंजाब का औद्योगिक क्षेत्र द्वारा अपने कार्य शुरू कर चुका है, जोकि कोविड संकट से उभरने की बेहद शुरुआत है। उन्होंने पंजाब को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि जहां इस पहल से पंजाब की उन्नति होगी, वहीं, देश की अर्थव्यवस्था के विकास में भी राज्य की हिस्सेदारी बढ़ेगी। स्किल डेवलपमेंट सेंटर किए हैं स्थापित
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए गए हैं। पंजाब के युवाओं में कार्यक्षमता ट्रेनिग तथा कौशल है। जाहिर है औद्योगिक क्षेत्र के विकास से ही युवाओं को अधिक अवसर मिलेंगे और वे अपनी कार्यक्षमता का सही उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की। प्रशासन को सहयोग देने के लिए उन्होंने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की प्रशंसा की। यूनिवर्सिटी ने कोरोना से निपटने में सरकार की मदद के लिए सबसे पहले अपना हाथ आगे बढ़ाया है। कार्यक्रम के अंत में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कोविड-19 के संकट से धीमी पड़ चुकी अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए आयोजित की गई इस बैठक में शामिल हुए समस्त लोगों का शुक्रिया अदा किया।