किसानों के ट्रैक्टर पर फिर सवार हुई पंजाब की राजनीति, सभी पार्टियां दांव लगाने में जुटी
Farmers Tractors Parade पंजाब में किसानों के ट्रैक्टर परेड पर जमकर सियासत हो रही है। पंंजाब के राजनीतिक दल किसान ट्रैक्टर परेड को लेकर सक्रिय हो गए हैं और इसे भुनाने के प्रयास के लिए तरह-तरह के दांव आजमा रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। Farmers Tractor Parade: किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर ट्रैक्टर की राजनीति शुरू हो गई है। चुनावी रैलियों में ट्रैक्टरों पर सवार होने वाले राजनेता अब 'किसान ट्रैक्टर परेड' को सफल बनाने में जुट गए हैं। इससे पहले तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब में कांग्रेस ने राहुल गांधी की तीन दिन की ट्रैक्टर यात्रा का आयोजन किया था और शिरोमणि अकाली दल ने तीन तख्तों से ट्रैक्टर यात्रा निकाली थी। अब 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर सरकार के सामानांतर किसान भी ट्रैक्टर परेड करने पर उतारू हैं। राजनीतिक पार्टियों ने भी कमर कस ली है। हालांकि ये पार्टियां अब अपने बैनर लगाकर परेड का आयोजन नहीं करेंगी।
लोगों को जुटाने के लिए 'आप' 23 जनवरी को राज्य भर में निकालेगी मोटर साइकिल रैली
आम आदमी पार्टी 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के लिए भारी गिनती में लोगों जुटाने के लिए 23 जनवरी को राज्य भर में मोटरसाइकिल रैली निकालेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान और किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व विधायक कुलतार ¨सह संधवां ने कहा कि इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करना है।
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उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसी परेड होगी। एक तरफ दिल्ली में देश के जवान परेड करेंगे और दूसरी तरफ दिल्ली के बाहरी सड़कों पर अपने ट्रैक्टरों के साथ देश के किसान ट्रैक्टर परेड करेंगे। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर आम आदमी पार्टी के सभी विधायक और पदाधिकारी किसान ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेंगे और अपने देश के किसान भाइयों के हौसले बुलंद करेंगे। वहीं, कांग्रेस भी ट्रैक्टर परेड का समर्थन कर रही है। कांग्रेस के सांसद कई दिनों से जंतर-मंतर पर धरने में बैठे हैं।
शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए रैली को सफल बनाने के निर्देश
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे 26 जनवरी को किसानों की रैली को सफल बनाने के लिए जोरदार प्रयास करें। बादल ने कहा कि 26 जनवरी को किसान गणतंत्र रैली के लिए अकाली वर्करों में काफी उत्साह है। हम पूरी ताकत से इस शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक विरोध रैली में भाग ले रहे हैं। वर्कर बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग किसी कारणवश अपनी उम्र या अन्य मजबूरी के चलते राष्ट्रीय राजधानी नही आ पा रहे हैं वे वहीं अपने गांवों, शहरों लोकतांत्रिक रैली करेंगे।
केंद्र सरकार असंवेदनशील: सुखबीर
किसानों को गणतंत्र रैली के रूप में संगठित होने के लिए मजबूर किया गया है, क्योंकि भारत सरकार किसान विरोधी कानूनों को रद करने के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील है। शिरोमणि अकाली दल ने सरकार को अपना रवैया बदलने के लिए पूरा जोर लगाया। हमने बहुत धैर्य दिखाया तथा सरकार को यह तर्क देने की कोशिश की कि उन कानूनों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो हमने सरकार से बाहर होने का निर्णय ले लिया। हमने सोचा था कि इस तरह से भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को स्थिति की गंभीरता का एहसास होगा, लेकिन हमारी उम्मीदें टूट गई और हमने एनडीए छोड़ने का फैसला ले लिया। प्रकाश सिंह बादल ने तो पदम विभूषण लौटा दिया।
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55 हजार से अधिक ट्रैक्टर ले जाने का दावा
विभिन्न किसान यूनियनों के पदाधिकारियों का दावा है कि पंजाब से 55 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर दिल्ली रवाना होंगे। उनका कहना है कि इस परेड से किसी को परेशानी नहीं होगी। किसान लोकतांत्रिक ढंग से अपनी बात रखेंगे।
कहां से कितने ट्रैक्टर
जिला ट्रैक्टर
-जालंधर: 12,650
-लुधियाना: 10,300
-बठिंडा: 10,000
-अमृतसर: 9,400
-बरनाला: 5,000
-संगरूर: 5,000
-मोगा: 2500
-तरनतारन: 1200
-नवांशहर: 300
-रूपनगर: 150
(ट्रैक्टरों की संख्या विभिन्न किसान यूनियनों के पदाधिकारियों के अनुसार)
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