भोला ने मजीठिया का नाम लेकर हिला दी थी पंजाब की सियासत, केजरीवाल को मांगनी पड़ी माफी
ड्रग रैकेट में दोषी करार जगदीश भोला जब पकड़ा गया था तो उसने रैकेट में शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम ले लिया था। इससे पंजाब की राजनीति में हंगामा मच गया था।
चंडीगढ़, जेएनएन। छह हजार करोड़ रुपये के ड्रग रैकेट में सजा पाने वाले पूर्व खिलाडी और पूर्व डीएसपी जगदीश भोला ने एक समय पंजाब की सियायत को हिलाकर रख दिया था। भोला ने इस मामले में पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम लेकर पंजाब में हंगामा मचा दिया था। उस समय पंजाब की पूरी राजनीति इसी पर केंद्रित हो गई थी। भोला के बयान को आधार बनाकर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल व कांग्रेस के नेताओं ने शिरोमणि अकाली दल व मजीठिया पर हल्ला बोल दिया था। यह अलग बात है कि इसी मामले में आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को मजीठिया से मांगनी पड़ी।
केजरीवाल सहित कुछ लोगों ने दोषी न होने के लिए मांगी थी माफी
भले ही भोला ने अदालत में मजीठिया का नाम नहीं लिया, लेकिन मीडिया के सामने मजीठिया के नाम के साथ, विपक्षी दलों ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को एक प्रमुख मुद्दा जरूर थमा दिया। इस बयान के बाद जहां कांग्रेसियों ने ड्रग्स के मुद्दे पर अकालियों को घेर लिया था। वहीं आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने भी मजीठिया को ड्रग स्मगलर बताया था।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आप ने बनाया था मुद्दा
2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान आप ने ड्रग्स के मुद्दे पर मजीठिया के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की थी, लेकिन कोर्ट जाने के बाद मजीठिया को सभी से लिखित माफी मांगनी पड़ी। चुनाव के बाद केजरीवाल ने लिखित रूप में अदालत में माफी मांगी और कहा था कि उन्होंने मजीठिया से माफी मांगी और अपने आरोपों को वापस ले लिया। केजरीवाल के अलावा कई अन्य राजनीतिक नेताओं को भी मजीठिया से माफी मांगनी पड़ी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बनाई एसआइटी
सत्ता में आने के बाद नशों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी एसआइटी का गठन किया जिसने ड्रग्स के मामले में सीलबंद रिपोर्ट पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपी। मामले की जांच अदालत की निगरानी में चल रही है।
कुश्ती चैंपियन से बना ड्रग तस्कर
जगदीश भोला ड्रग्स की दुनिया का चर्चित बदनाम चेहरा रहा है। वहीं उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में भी अच्छा नाम कमाया है। रेसलिंग में भोला ने देश का अहम अर्जुन अवार्ड तक हासिल किया। उसने 2008 में पंजाबी फिल्म रूस्तम-ए-हिंद में भी किस्मत आजमाई, लेकिन रातों रात करोड़पति बनने के लालच ने उसे जेल में पहुंचा दिया। 2012 में उसे डीएसपी पद से बर्खास्त कर दिया गया।